डेंगू या मलेरिया से रहे हैं जूझ, करें इस विदेशी फल का इस्तेमाल, बुखार से मिलेगा आराम
Dengue News : आज के समय में डेंगू या मलेरिया काफी ज्यादा फैल रहा अक्टूबर के महीना शुरू होते ही ये बीमारियां फैलनी शुरू हो जाती हैं. इसमें तेज बुखार, सिर दर्द, हड्डियों में दर्द जैसी समस्या हो जाती है, ऐसे में बचने के लिए उपाय किए जाते हैं, ड्रैगन फ्रूट में प्रचुर मात्रा में पोषक तत्व होते हैं और यह सेहत के लिए बहुत उपयोगी है. ड्रैगन फ्रूट में विटामिन सी, आयरन और प्रोटीन होता है जो फायदेमंद फ्रूट है.
Dengue News: दिल्ली-एनसीआर ही नहीं बल्कि कई राज्यों में मच्छरों का आतंक दिखाई दे रहा है. दिन हो चाहे रात, घर हो या बाहर, हर जगह बस मच्छरों की फौज दिखाई दे रही है. हालांकि सबसे बड़ी मुसीबत है कि ये मच्छर सिर्फ डेंगू और मलेरिया जैसी बीमारियां ही नहीं फैला रहे, बल्कि इस बार हड्डी तोड़ चिकनगुनिया के मरीजों की संख्या भी तेजी से बढ़ रही है.
सितंबर और अक्टूबर की शुरुआत के आंकड़े देखें तो इस बार पिछली बार से काफी ज्यादा चिकनगुनिया के केस देखे जा रहे हैं. इससे बचने के लिए आप ड्रैगन फ्रूट का इस्तेमाल कर सकते हैं. ड्रैगन के पौधे को धूप बहुत पसंद है.
ड्रैगन फ्रूट खाने के फायदे
ड्रैगन फ्रूट के कई स्वास्थ्य लाभ होते हैं. यह डेंगू और मलेरिया जैसी बीमारियों में लाभकारी होता है. इसमें एंटीऑक्सीडेंट, विटामिन सी, और अन्य पोषक तत्व होते हैं, जो इम्यून सिस्टम को मजबूत करने में मदद कर सकते हैं. यह शरीर को हाइड्रेटेड रखने और ऊर्जा प्रदान करने में भी सहायक होता है.इसे पौधे के अलावा बीज व कटिंग से भी रोपण किया जा सकता है. यह एक कैक्टस प्रजाति का पौधा होता है. इसके छिलके का रंग हरा व बाद में लाल- गुलाबी हो जाता है.
हमला करता है डेंगू का मच्छर
इस मौसम में डेंगू के केस में वृद्धि देखने को मिलती है. हालांकि गत वर्ष से अभी काफी बेहतर हालत हैं. लेकिन फिर भी स्वास्थ्य विभाग द्वारा विशेष अभियान चलाए जा रहे हैं. ताकि कहीं भी लार्वा उत्पन्न हो रहा हो, तो वहां विभिन्न दवाइयों का उपयोग करते हुए इसे दूर किया जा सके. उन्होंने बताया कि डेंगू के मच्छर की अगर बात की जाए तो वह दिन में ज्यादा लोगों के काटता है.
अस्पताल में व्यवस्था
जिला अस्पताल, मेडिकल कॉलेज, सीएचसी, पीएचसी पर भी डेंगू को लेकर विशेष प्रबंध किए गए हैं. जिससे कि प्राथमिक तौर पर बेहतर उपचार देकर मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य उपलब्ध कराई जाए. मेडिकल कॉलेज सहित अन्य स्थानों पर डेंगू के बचाव के लिए डेंगू वार्ड विशेष रूप से बनाए गए हैं. जिसमें मच्छरदानी का उपयोग भी किया गया है.