Bakrid 2023: इस साल भारत में ईद उल अजहा 29जून को मनाया जाएगा हालांकि सऊदी अरब में इसे 28 जून को ही यानीकि आज ही मनाया गया है. इस्लाम धर्म में ईद महत्वपूर्ण पर्व माना जाता है. ईद दो तरह की होती है पहली ईद रमजान महीने की समाप्ति के बाद मनाई जाती है जिसे 'ईद उल फितर' कहा जाता है और इसके 2 महीने 10 दिन बाद बकरीद मनाई जाती है जिसे 'ईद उल अजहा' कहा जाता है. ये पर्व इस्लाम धर्म मानने वाले लोगों के लिए बेहद खास होता है इस माह में दुनिया भर के लोग हज करने के लिए मक्का मदीना जाते हैं.
ईद उल अजहा एक कुर्बानी होता है, मुस्लिम धर्म के अनुसार इस दिन मुस्लिम अपने सबसे प्रिय चीज कोदूसरे की बेहतरीन के लिए अल्लाह की राह में कुर्बान कर देते हैं. इस्लाम धर्म मेंजरूरतमंदों और गरीबों का खास ख्याल रखा जाता है। मान्यता है कि इस दिन बकरे की कुर्बानी की जाती है. बकरे के गोश्त को तीन भाग में बांटा जाता है, जिसमें से एक भाग गरीबों में और दूसरा भाग स्वयं और तीसरा भाग रिश्तेदारों में बांटा जाता है.
इस्लाम धर्म में मान्यता है कि अल्लाह की रजा के लिए इस दिन बकरे की कुर्बानी दी जाती है इस्लाम धर्म के मान्यताओं के अनुसार हजरत में 1 दिन इब्राहिम के सपने में आकर अपने सबसे प्रिय चीज की कुर्बानी मांगते हैं, इब्राहिम अपने बेटे को बहुत प्यार करते थे लेकिन वह अपने दिल पर पत्थर रखकर अपने बेटे की कुर्बानी देने का निश्चय करते हैं, इब्राहिम अपनी आंखों पर पट्टी बांधकर अपने बेटे की कुर्बानी देते हैं हालांकि, जब वो आंख खोलते हैं तो अपने बेटे को सहीसलामत देखते हैं. और इब्राहिम अपने बेटे के बगल में भेड़ की तरह दिखने वाला जानवर देखते हैं तब से लेकर इस खास दिन पर बकरे की कुर्बानी करने की प्रचलन है. First Updated : Wednesday, 28 June 2023