धीरे-धीरे आपकी याददाश्त खत्म कर रहे छोटे-छोटे जाम, बना रहे दिमाग को डिमेंशिया का शिकार
Neurology study: हफ्ते में कुछ ड्रिंक लेना भी सेहत के लिए सुरक्षित नहीं है. एक नई रिसर्च में खुलासा हुआ है कि सिर्फ आठ ड्रिंक प्रति सप्ताह लेने से भी दिमाग को स्थायी नुकसान हो सकता है, जो याद्दाश्त की कमी और अल्ज़ाइमर जैसी गंभीर बीमारियों का कारण बन सकता है.

Neurology study: अगर आप सोचते हैं कि हफ्ते में कुछ पैग शराब पीना नुकसानदायक नहीं है, तो सावधान हो जाइए. एक नई स्टडी में सामने आया है कि सप्ताह में केवल आठ ड्रिंक लेना भी दिमाग को स्थायी नुकसान पहुंचा सकता है. यह नुकसान याद्दाश्त की कमी, सोचने-समझने की क्षमता में गिरावट और अल्ज़ाइमर जैसी गंभीर बीमारियों का खतरा बढ़ा सकता है.
यह रिसर्च Neurology नामक जर्नल में प्रकाशित हुई है, जिसमें यह स्पष्ट किया गया है कि अधिक मात्रा में शराब पीने वालों में दिमाग की बीमारियाँ, जैसे कि ब्रेन लीजन और न्यूरोडीजेनेरेटिव बदलाव, सामान्य से कहीं अधिक पाए गए. ये दोनों स्थितियां डिमेंशिया से जुड़ी होती हैं, जिसमें व्यक्ति की याद्दाश्त और सोचने की क्षमता कमजोर हो जाती है.
ब्रेन टिशू की गहराई से की गई जांच
इस स्टडी के लिए वैज्ञानिकों ने 1,700 से ज्यादा मृत लोगों के दिमाग का परीक्षण किया, जिनकी औसतन उम्र 75 साल थी. रिसर्च में पाया गया कि जो लोग भारी मात्रा में शराब पीते थे, उनके दिमाग में हायलिन आर्टेरिओलोस्क्लेरोसिस नाम के लीजन और टाऊ प्रोटीन की गांठें पाई गईं, जो अल्ज़ाइमर का प्रमुख संकेत मानी जाती हैं.
परिजनों से ली गई जानकारी
शराब की मात्रा के बारे में जानकारी उन लोगों के परिजनों से ली गई थी, जिनका ब्रेन टेस्ट किया गया. इसमें सामने आया कि जो लोग सप्ताह में आठ या उससे अधिक ड्रिंक पीते थे, उनमें ब्रेन लीजन होने का खतरा 133% अधिक था. यहां तक कि जो लोग शराब पीना छोड़ चुके थे, उनमें भी ब्रेन डैमेज का खतरा 89% ज़्यादा था, जबकि मध्यम पीने वालों में यह खतरा 60% बढ़ा हुआ मिला.
जीवन की अवधि में भी फर्क
स्टडी में यह भी पाया गया कि जो लोग भारी शराब पीते थे, वे उन लोगों की तुलना में औसतन 13 साल कम जीते थे जो कभी शराब नहीं पीते थे. साथ ही, भारी शराब पीने वालों में अल्ज़ाइमर से जुड़े ब्रेन में बदलाव ज़्यादा पाए गए.
दिमाग को सीधे नुकसान पहुंचाती है शराब
शोध के प्रमुख लेखक अल्बर्टो फर्नांडो ओलिवेरा जस्टो ने कहा, "हमने पाया कि भारी मात्रा में शराब पीना दिमाग को सीधे नुकसान पहुंचाता है, जो लंबी अवधि में याद्दाश्त और सोचने की क्षमता पर असर डालता है." उन्होंने आगे कहा, "इन प्रभावों को समझना सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए बेहद ज़रूरी है ताकि हम शराब पीने की आदत को रोकने के लिए उचित कदम उठा सकें."
शराब पीने से हो सकती हैं गंभीर समस्याएं
लंबे समय तक शराब पीने से वर्निके-कोर्साकोफ सिंड्रोम जैसी गंभीर समस्याएं हो सकती हैं, जिससे व्यक्ति को याद्दाश्त में भारी समस्या और भ्रम की स्थिति हो सकती है. अमेरिका के CDC (Centers for Disease Control and Prevention) ने भी चेतावनी दी है कि महिलाओं के लिए एक बार में चार और पुरुषों के लिए पाँच से अधिक ड्रिंक लेना शरीर और दिमाग पर भारी असर डाल सकता है और दुर्घटनाओं का खतरा भी बढ़ा सकता है.
WHO ने पहले ही दी थी चेतावनी
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने पहले ही 2023 में साफ-साफ कहा था कि शराब की कोई भी मात्रा सुरक्षित नहीं है. उनकी रिपोर्ट में लिखा था, "शराब एक ज़हरीला, मानसिक स्थिति को प्रभावित करने वाला और लत लगाने वाला पदार्थ है, जिसे इंटरनेशनल एजेंसी फॉर रिसर्च ऑन कैंसर ने ग्रुप 1 कार्सिनोजन (कैंसर पैदा करने वाले पदार्थों की सबसे ख़तरनाक श्रेणी) में रखा है जिसमें ऐस्बेस्टस, रेडिएशन और तंबाकू भी शामिल हैं."
हालांकि, इस अध्ययन की एक सीमा यह रही कि इसमें प्रतिभागियों की मृत्यु से पहले की मानसिक स्थिति और शराब पीने की अवधि के बारे में जानकारी उपलब्ध नहीं थी.


