Explainer: आज 20 दिसंबर है यानी साल 2023 अंतिम पड़ाव पर है, बस कुछ ही दिनों में नया साल दुनियाभर में मनाया जायेगा. पुराने साल के बदलते ही घरों में नए कैलेंडर लगने शुरू हो जायेंगे. कैलेंडर का हिंदू धर्म में काफी महत्व है हर काम मुहूर्त निकलवाकर किया जाता है. हिंदू धर्म की तरह मुस्लिम धर्म में भी कैलेंडर का काफी महत्व होता है. इन दोनों धर्म के कैलेंडर में कौन सा कैलेंडर दुनिया में सबसे पुराना है यह बात काफी कम लोग ही जानते होंगे.
हिंदू कैलेंडर में दो संवत प्रमुख हैं विक्रम संवत और शक संवत, विक्रम संवत की बात करें तो 57-58 ईसा पूर्व से चला आ रहा है. उज्जैन के राजा विक्रमादित्य ने इसकी शुरूआत की थी. शक संवत कुषाण वंश के राजा कनिष्क ने 78 ईं. में शुरू किया था.
भारत सरकार शक कैलेंडर को मानती है लेकिन भारत में हिदू धर्म के सभी व्रत और तीज त्यौहारों में विक्रम संवत पर आधारित कैलेंडर पर होते हैं. हिंदू धर्म के सभी व्रत और पर्व विक्रम संवत के तहत मनाया जा रहा है. इसी के चलते इसे ही हिंदू कैलेंडर कहा जाता है. विक्रम संवत कैलेंडर की बात करें तो यह तकरीबन 2080 साल पुराना है.
हिजरी कैलेंडर की शुरुआत 16 जुलाई 622 को हुई थी. ऐसा कहा जाता है कि इस दिन हज़रत मुहम्मद मक्का छोड़कर मदीना को चले कर गए थे. इस घटना को हिजरत कहा जाता है. उर्दू में हिजरत का मतलब चले जाने से होता है. हजरत मुहम्मद की मक्का से हिजरत के बाद से ही हिजरी संवत शुरू हुआ था.
इसमें साल में 354 दिन होते हैं सोलर ईयर जब सूर्य वापस अपनी जगह आता है तब 11 साल दिन छोटे होने के कारण कैलेंडर वर्ष के आखिरी महीने में कुछ दिन जोड़ दिए जाते हैं.
विक्रम संवत को हिंदू कैलेंडर माना जाता है इसकी शुरुआत 57-58 ईसा पूर्व 2080 साल पहले हुई थी. वहीं हिजरी संवत की शुरुआत तकरीबन 1445 साल पूर्व हुई थी. इस लिहाज से हिंदू कैलेंडर मुस्लिम कैलेंडर से ज्यादा पुराना है. First Updated : Wednesday, 20 December 2023