Eye Flu: बीते कुछ दिनों के भीतर पूरे देशभर में भारी बारिश के चलते जन - जीवन अस्त - व्यस्त हो गया है. तो वहीं कुछ जगहों पर सुहावना मौसम भी देखने को मिल रहा है, लेकिन इसके साथ ही कई सारी समस्याएं भी देखने को मिल रहीं हैं. जिसमें लोगों के बीमारियों और संक्रमण होने के मामले सामने आएं हैं. जिसमें से एक है आई फ्लू, जो इन दिनों बच्चों से लेकर बूढ़ों तक काफी फैल रहा है. ऐसे में लोगों को यह जानना बेहद ही जरुरी है कि वह इस बीमारी और बचाव के बारे में अच्छे से जान लें -
डॉक्टर्स के मुताबिक आई फ्लू जिसको पिंक आई या फिर कंजंक्टिवाइटिस भी कहा जा सकता है, यह एक कंजंक्टिवा की सूजन है. यह एक पतली और पारदर्शीय परत होती है, जो व्यक्ति की आंखों के सामने, सतह या पलकों के अंदर की रेखा को कवर करती है. इसके कई प्रकार होते हैं -
यदि किसी व्यक्ति को बैक्टीरियल कंजंक्टिवाइटिस हो तो आप इन सिम्टम्स के जरिये आसानी से पहचान सकेंगे। ऐसे में आपकी आँखों के चारों तरफ रेडनेस। चिपचिपाहट, सूजन, या मवाद जैसा डिस्चार्ज और पपड़ी सी जमती मालूम होगी, जिसके इलाज के रूप में आप अपनी आँखों में एंटीबायोटिक आई ड्रॉप या मलहम का इस्तेमाल कर सकते हैं.
पालतू जानवरों की रुसी, परागकण, धूल के कण या फिर अन्य आई फ्लू के कारण यह एलर्जिक कंजंक्टिवाइटिस हो सकती है. जिसको पहचानने के लिए यदि आपकी आँखों में गंभीर रूप से जलन, रेडनेस और कुछ तरल डिस्चार्ज होने लगता है तो जल्द से जल्द इसका इलाज करवाएं . इसके इलाज के लिए आप एंटीहिस्टामाइन आई ड्रॉप्स या ओरल दवाओं का प्रयोग कर सकते हैं.
यह भी एक आई फ्लू का प्रकार है, यदि किसी व्यक्ति को यह केमिकल कंजंक्टिवाइटिस नामक आई फ्लू होती है तो उसकी आँखों में गंभीर रूप से खुजली, रेडनेस और तो रो ब्लड विजन भी हो सकता है. जिसके इलाज में आप अपनी आँखों को साफ़ पानी से अच्छी तरह से धो लें और फिर डॉक्टर से जरूर सम्पर्क करें.
* हर 24 घंटे में अपनी आंखों को साफ पानी से बार - बार धोएं या फिर सैनिटाइज करें.
* हाथों से आखों को बार - बार न छुएं.
* आंखों पर किसी भी प्रकार का चश्मा पहनें.
* यदि आप कई तरह के आई फ्लू से संक्रमित हैं तो खुद को जल्द से जल्द आइसोलेट कर लें, जब तक आंखों से तरल पदार्थ निकलना बंद न हो जाए.
* आंखों पर बिना डॉक्टर्स की सलह से किसी भी प्रकार की आई ड्रॉप न इस्तेमाल करें First Updated : Thursday, 27 July 2023