कहीं भारी न पड़ जाए बच्चों को प्लास्टिक की बोटल से दूध पिलाना, बढ़ जाता है इस सिंड्रोम का खतरा
World Oral Health Day: 20 मार्च को वर्ल्ड ओरल हेल्थ डे मनाया जाता है. इसका उद्देश्य लोगों को मुंह और दांतों की सेहत के प्रति जागरूक करना है. बचपन में की गई छोटी-छोटी गलतियां आगे चलकर गंभीर डेंटल समस्याओं का कारण बन सकती हैं.

World Oral Health Day: दुनियाभर में 20 मार्च को वर्ल्ड ओरल हेल्थ डे मनाया जाता है. इसका उद्देश्य लोगों को मुंह और दांतों की देखभाल के प्रति जागरूक करना है. बचपन से ही दांतों की सही देखभाल बहुत जरूरी होती है, लेकिन अक्सर माता-पिता जाने-अनजाने में कुछ ऐसी गलतियां कर बैठते हैं, जो बच्चों की डेंटल हेल्थ पर बुरा असर डाल सकती हैं.
वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन (WHO) की एक रिपोर्ट के अनुसार, दुनियाभर में करीब 350 करोड़ लोग मुंह से जुड़ी बीमारियों से ग्रस्त हैं. वहीं, नेशनल ओरल हेल्थ प्रोग्राम 2020 की रिपोर्ट में बताया गया है कि 95% भारतीय युवा मसूड़ों की समस्याओं से परेशान हैं. विशेषज्ञों के अनुसार, इसका मुख्य कारण जागरूकता की कमी और दांतों की सही देखभाल न करना है. खासतौर पर बच्चों में यह समस्या तेजी से बढ़ रही है, जिसमें बेबी बॉटल सिंड्रोम एक गंभीर समस्या के रूप में उभर रहा है.
क्या है बेबी बॉटल सिंड्रोम?
बेबी बॉटल सिंड्रोम, जिसे 'बॉटल कैरीज' या 'नर्सिंग बॉटल कैरीज' भी कहा जाता है, एक डेंटल कंडीशन है, जिसमें छोटे बच्चों के दूध के दांत सड़ने लगते हैं. यह समस्या तब होती है जब बच्चों को बार-बार बोतल से दूध, जूस या मीठे ड्रिंक्स पिलाए जाते हैं, खासकर सोते समय. इन लिक्विड्स में मौजूद शुगर दांतों पर जमा हो जाती है, जिससे बैक्टीरिया पनपने लगते हैं और दांतों में सड़न की समस्या हो जाती है.
कैसे होती है दांतों की सड़न?
बोतल से पीने वाले लिक्विड में मौजूद चीनी बैक्टीरिया को बढ़ावा देती है, जिससे एसिड बनता है. यह दांतों के इनेमल (ऊपरी परत) को धीरे-धीरे नुकसान पहुंचाता है और कैविटी की समस्या पैदा करता है. अगर समय रहते इस समस्या पर ध्यान न दिया जाए तो दांत गिर सकते हैं, मसूड़ों में इंफेक्शन हो सकता है और बच्चों को बोलने में कठिनाई भी हो सकती है.
बेबी बॉटल सिंड्रोम के लक्षण
अगर बच्चे को बेबी बॉटल सिंड्रोम हो जाए, तो कुछ लक्षण दिखाई देने लगते हैं, जिन पर माता-पिता को तुरंत ध्यान देना चाहिए-
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दांतों पर सफेद या भूरे धब्बे
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दांतों में दर्द या सेंसिटिविटी
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दांतों का पीला या काला पड़ना
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मसूड़ों में सूजन या खून आना
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मुंह से बदबू आना
कैसे करें बचाव?
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बच्चे को सोते समय बोतल से दूध या जूस देने से बचें.
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बच्चे के दांत निकलने के बाद से ही दिन में दो बार हल्के ब्रश से सफाई करें.
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बच्चे को बहुत ज्यादा मीठा खाने-पीने से बचाएं.
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नियमित रूप से डेंटिस्ट से बच्चे के दांतों की जांच करवाएं.
Disclaimer: ये आर्टिकल मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है, JBT इसकी पुष्टि नहीं करता. अधिक जानकारी के लिए डॉक्टर्स की सलाह लें.