Happy New Year 2025: नए साल में वीकेंड पर आ रहे हैं ये बड़े त्योहार, नहीं ले पाएंगे कोई छुट्टी
साल 2024 खत्म होने वाला है और इसके साथ ही साल 2025 की शुरुआत से ही त्योहारों का सिलसिला भी शुरू हो जाएगा. अब ऐसे में कॉरपोरेट कर्मियों समेत सभी कामकाजी लोगों की टेंशन बढ़ जाती है कि कहीं उनकी छुट्टियों पर कोई त्योहार न आ जाए, जिसकी वजह से उन्हें अलग से मिल रही छुट्टियों की कुर्बानी देनी पड़ेगी. तो ऐसे में आइए जानते हैं साल 2025 में कौन-कौन से त्योहार पड़ रहे हैं.
Festival Calendar 2025: हर साल हम त्योहारों का बेसब्री से इंतजार होता है, खासकर उनकी छुट्टियों का. लेकिन 2025 में कई बड़े त्योहार और खास दिन वीकेंड (शनिवार और रविवार) पर पड़ रहे हैं. इसका मतलब है कि इन खास दिनों पर आपको अलग से छुट्टी का लाभ नहीं मिलेगा.
गणतंत्र दिवस: 26 जनवरी (रविवार)
गणतंत्र दिवस भारत का प्रमुख राष्ट्रीय पर्व है, जो 26 जनवरी को मनाया जाता है. यह दिन संविधान लागू होने और लोकतांत्रिक मूल्यों का प्रतीक है. वहीं 2025 में यह दिन रविवार को पड़ेगा. सरकारी दफ्तरों में अवकाश तो होगा, लेकिन यह सामान्य वीकेंड के रूप में ही बीतेगा.
ईद-उल-जुहा (बकरीद): 28 जून (शनिवार)
वहीं आपको बता दें कि मुस्लिम समुदाय के लिए बकरीद एक महत्वपूर्ण त्योहार है, जो त्याग और दान का प्रतीक है. 2025 में यह शनिवार को पड़ेगा. इस दिन कई लोग कुर्बानी देते हैं और गरीबों में मांस वितरित करते हैं, लेकिन वीकेंड पर होने के कारण इस खास त्योहार के लिए अलग से छुट्टी नहीं मिल सकेगी.
जन्माष्टमी: 16 अगस्त (शनिवार)
बता दें कि भगवान श्रीकृष्ण के जन्म का पर्व, जन्माष्टमी, भक्ति और उल्लास से मनाया जाता है. 2025 में यह शनिवार को आएगी. इस दिन लोग उपवास रखते हैं और मंदिरों में पूजा-अर्चना करते हैं. हालांकि, यह वीकेंड पर होने के कारण इसे भी अतिरिक्त छुट्टी के बिना ही मनाना होगा.
अन्य त्योहार जो वीकेंड पर पड़ेंगे
- बसंत पंचमी: 1 फरवरी (शनिवार)
- स्वामी दयानंद सरस्वती जयंती: 23 फरवरी (रविवार)
- राम नवमी: 12 अप्रैल (शनिवार)
- मुहर्रम: 6 सितंबर (शनिवार)
क्या करें जब त्योहार वीकेंड पर हों?
इसके साथ ही आपको बताते चले कि 2025 में त्योहारों और वीकेंड के मेल के चलते अतिरिक्त छुट्टियों की कमी हो सकती है. ऐसे में लोगों को अपनी योजनाओं को थोड़ा बदलना होगा. आप इन दिनों का बेहतर उपयोग परिवार और दोस्तों के साथ त्योहार मनाने के लिए कर सकते हैं.
अवकाश की कुर्बानी, लेकिन खुशियों की नहीं
हालांकि वीकेंड पर त्योहार आने का मतलब अतिरिक्त छुट्टी का न मिलना है, लेकिन इसका यह मतलब नहीं कि त्योहार की रौनक कम होगी. इसे अपनी रूटीन छुट्टियों के साथ मिलाकर खास बनाने की कोशिश करें.