पहले 70 घंटे, अब कह रहे हैं 90 घंटे करो काम: बॉस जो लंबे समय तक ड्यूटी करना करते हैं पसंद
काम के घंटों को बढ़ाने पर बहस जारी है, एलएंडटी के चेयरमैन एसएन सुब्रमण्यन ने 90 घंटे के कार्य सप्ताह और यहां तक कि रविवार को भी काम करने की वकालत की है. इसके बाद इंफोसिस के नारायण मूर्ति, एलन मस्क, भाविश अग्रवाल और अनुपम मित्तल जैसे अन्य बिजनेसमैनों ने भी इसको लेकर अपनी राय दी.
नई दिल्ली: लार्सन एंड टुब्रो (एलएंडटी) के चेयरमैन एसएन सुब्रमण्यन ने अपने "90 घंटे" वाले बयान से 2025 तक काम के घंटों को लेकर बहस जारी रहने की संभावना जताई है. संदर्भ के लिए, एलएंडटी के चेयरमैन ने 90 घंटे के कार्य सप्ताह की वकालत करके कार्य-जीवन संतुलन पर एक नई बहस शुरू की. वह यहीं नहीं रुके. ऑनलाइन सामने आए एक अदिनांकित वीडियो में सुब्रमण्यन ने आगे कहा कि अगर वह अपने कर्मचारियों से रविवार को भी काम करवा सकें तो उन्हें बहुत खुशी होगी.
उन्होंने कर्मचारियों से बातचीत में कहा था कि उन्हें अफसोस है कि वह आपसे रविवार को काम नहीं करा पाता. अगर वह आपसे रविवार को काम करा सकें तो उन्हें ज्यादा खुशी होगी. आप घर पर बैठकर क्या करते हैं? आप अपनी पत्नी को कितनी देर तक घूर सकते हैं?"
जुनून, उद्देश्य और प्रदर्शन हमें बढ़ाते हैं आगे
ऐसा लगता है कि कंपनी ने इन टिप्पणियों का समर्थन किया है, क्योंकि प्रवक्ता ने TOI को बताया कि L&T में, राष्ट्र निर्माण हमारे जनादेश का मूल है. आठ दशकों से अधिक समय से वह भारत के बुनियादी ढांचे, उद्योगों और तकनीकी क्षमताओं को आकार दे रहे हैं. उनका मानना है कि यह भारत का दशक है, एक ऐसा समय जिसमें प्रगति को आगे बढ़ाने और विकसित राष्ट्र बनने के उनके साझे दृष्टिकोण को साकार करने के लिए सामूहिक समर्पण और प्रयास की आवश्यकता है.
असाधारण परिणामों के लिए असाधारण प्रयास
चेयरमैन की टिप्पणी इस बड़ी महत्वाकांक्षा को दर्शाती है, जिसमें इस बात पर जोर दिया गया है कि असाधारण परिणामों के लिए असाधारण प्रयास की आवश्यकता होती है. L&T में वह एक ऐसी संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध हैं. जहां जुनून, उद्देश्य और प्रदर्शन हमें आगे बढ़ाते हैं. वैसे, एलएंडटी के चेयरमैन पहले बॉस नहीं हैं जिन्होंने काम के घंटे बढ़ाने की इच्छा जताई है. यह विचार सबसे पहले इंफोसिस के सह-संस्थापक नारायण मूर्ति ने 2023 में पेश किया था. यहां उन शीर्ष बॉसों की सूची दी गई है जिन्होंने विस्तारित कार्य सप्ताह के विचार का समर्थन किया है.
नारायण मूर्ति: 2023 में, इंफोसिस के सह-संस्थापक नारायण मूर्ति ने कार्य-जीवन संतुलन पर एक बड़ी बहस छेड़ दी जब उन्होंने सुझाव दिया कि भारतीयों को देश के विकास के लिए सप्ताह में 70 घंटे काम करना चाहिए.
एलन मस्क: यह भावना केवल भारत तक ही सीमित नहीं है. दुनिया के सबसे अमीर व्यक्ति एलन मस्क अपनी गहन कार्य नीति के लिए जाने जाते हैं. उन्होंने कहा था कि सफल होने के लिए, व्यक्ति को "कड़ी मेहनत" करनी चाहिए और सप्ताह में 80 से 100 घंटे काम करना चाहिए.
भाविश अग्रवाल: भारत में ओला के संस्थापक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी भाविश अग्रवाल ने मूर्ति के विचारों को दोहराते हुए कहा कि वे व्यक्तिगत रूप से सप्ताह के सातों दिन, प्रतिदिन 20 घंटे काम करते हैं. और उन्होंने साप्ताहिक अवकाश को एक पश्चिमी अवधारणा बताकर खारिज कर दिया. इसका भारत में पारंपरिक रूप से पालन नहीं किया जाता.
अनुपम मित्तल: इसके अतिरिक्त, Shaadi.com के संस्थापक और सीईओ तथा शार्क टैंक के एक प्रमुख जज अनुपम मित्तल ने बहुत ही अच्छा सुझाव दिया है. उन्होंने कहा कि युवा पेशेवरों को अपने करियर की शुरुआत में ही सप्ताह में 80 घंटे काम करना चाहिए.
कानून क्या कहता है?
भारत में फैक्ट्रीज़ एक्ट और शॉप्स एंड एस्टेब्लिशमेंट्स एक्ट के अनुसार, कर्मचारियों के लिए मानक कार्य घंटे प्रति सप्ताह 48 घंटे या प्रतिदिन नौ घंटे निर्धारित किए गए हैं. हालांकि, लंबे समय तक काम करने से स्ट्रोक, अवसाद, मोटापा और यहां तक कि समय से पहले मृत्यु का जोखिम भी बढ़ जाता है.
कार्य-जीवन संतुलन पर बहस
सोशल मीडिया पर विस्तारित कार्य पर बहस जारी है. इस विचार के आलोचक भी कार्य-जीवन संतुलन का मुद्दा उठा रहे हैं. पिछले साल सितंबर में अत्यधिक कार्यभार के कारण अर्न्स्ट एंड यंग (EY) की कर्मचारी अन्ना सेबेस्टियन पेरायिल की दुखद मौत ने भारत में अत्यधिक कार्य के विषय पर सोशल मीडिया पर व्यापक आक्रोश और चर्चा को जन्म दिया.