Gym exercise के दौरान Heart Attack: संकेतों से समझें शरीर में हो रही परेशानी की स्थिति

आज कल की भाग दौड़ भरी जिंदगी में लोग इतना व्यस्त है कि लोग अपने लाइफस्टाइल को बिल्कुल नजर अंदाज कर हैं जिसके कारण लोगों में हार्ट अटैक की समस्या इस कदर बढ़ चुकी है।

हाइलाइट

  • जिम में हार्ट अटैक आने के कुछ कारण हो सकते हैं

भारत के लोगों में हार्ट अटैक की समस्या इस कदर बढ़ चुकी है कि अब यह देश में आम बन चुकी है। स्थितियां इतनी खराब हो गई हैं कि जो युवा नियमित रूप से एक्सरसाइज और फिटनेस एक्टिविटीज करते हैं, वे भी हार्ट अटैक की गिरफ्त में आ रहे हैं। बीते कुछ समय में युवाओं में हृदयघात के कई मामले सामने आए हैं।

ऐसे में एक सवाल उठता है कि क्या जिम, वर्कआउट और हार्ट अटैक में कोई कनेक्शन है? क्या जिम में Workout करने से हृदय से जुड़ी समस्याएं आ रहीं हैं? आखिर ऐसा क्या कारण है जो हेल्दी लाइफस्टाइल, बैलेंस रूटीन और डेली एक्सरसाइज करने वाले युवा अकाल मृत्यु के शिकार बन रहे हैं?

यदि स्वास्थ्य विशेषज्ञों की मानें तो जिम और हार्ट अटैक में वैज्ञानिक दृष्टिकोण से कोई सीधा संबंध नहीं है। विशेषज्ञों का मानना है कि नियमित तौर पर एक्सरसाइज करने से हृदय सुरक्षित रहता है और शरीर स्वस्थ होता है। वर्ल्ड हार्ट फेडरेशन (WHF) के अनुसार नियमित व्यायाम न करने से हृदय रोग होने का खतरा 50 फीसदी तक बढ़ जाता है।

बहुत से कारण हैं हार्ट अटैक के लिए उत्तरदायी

विशेषज्ञों के अनुसार जिम में हार्ट अटैक आने के कुछ कारण हो सकते हैं। हो सकता है, जिस व्यक्ति को हार्ट अटैक आया हो, उसके परिवार में हृदय रोगों का इतिहास रहा हो। यदि हार्ट अटैक आना Family History में शामिल है तो उस व्यक्ति को अपनी सेहत को लेकर सचेत रहना चाहिए। यदि किसी व्यक्ति को डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर की समस्या है या उसकी उम्र 40 से अधिक है तो भी उसे सावधान रहने की जरूरत है। कई बार यह भी देखा गया है कि व्यक्ति अपनी क्षमता से बढ़कर वर्क आउट कर लेते हैं। जिम में एक्सरसाइज वही और उतनी करें, जिसमें आप कंफर्टेबल हों। कई बार बैलेंस्ड डेली रूटीन के बावजूद युवा स्मोक और अल्कोहल का सेवन करते हैं जो भी उनके हृदय को नुकसान पहुंचा सकता है।


आइए जानते हैं, जिम में एक्सरसाइज के दौरान ऐसे कौनसे संकेत और लक्षण हैं, जिन्हें पहचान कर आप हार्ट अटैक से बचाव कर सकते हैं

सीने में बैचेनी

यदि कसरत के दौरान अचानक ही सीने में दर्द या बेचैनी हो तो उसे इग्नोर न करें। हो सकता है, शुरुआत में हल्की परेशानी हो, लेकिन बाद में यह दर्द तेज हो सकता है। ऐसे में तुरंत एक्सरसाइज करना रोक दें और डॉक्टर से संपर्क करें।


श्वांस लेने में परेशानी

एक्सरसाइज के दौरान यदि आप सहजता से श्वांस नहीं ले पा रहे हैं तो इसका मतलब है कि आपके हृदय को थोड़ी रेस्ट की जरूरत है। चेस्ट पेन के साथ ब्रीदिंग में परेशानी हो तो तत्काल मेडिकल अटेंशन की जरूरत है।

चक्कर आना

शारीरिक गतिविधियों के कारण हालांकि थकान होना और उससे चक्कर आना आम बात है, लेकिन यदि जिम में आपको चक्कर आ रहा है तो इस लक्षण को बिल्कुल भी इग्नोर नहीं करें।


धड़कन तेज हो तो भी रखें ध्यान

दिल की धड़कन का तेज होना या रुकना भी हृदयघात की तरफ संकेत करता है। ऐसी स्थिति में व्यायाम को रोककर तुरंत चिकित्सक से परामर्श लेना चाहिए।


अत्यधिक पसीना आना

यूं तो व्यायाम के दौरान पसीना आता ही है, लेकिन यदि सामान्य दिनों तरह न आकर पसीना अत्यधिक आए तो भी यह चिंता का विषय है। आशंका है कि हृदय में कोई परेशानी तो नहीं।

बाएं हाथ या शरीर के किसी अंग में परेशानी महसूस हो

हृदय में किसी प्रकार की परेशानी होने पर कई बार शरीर के दूसरे अंग प्रभावित होने लगते हैं। ऐसे में उनकी परेशानी भी संकेत की तरह काम करती है। मसलन यदि दर्द बाएं हाथ में हो तो वह हार्ट अटैक की ओर संकेत करती है। इसके अलावा गर्दन में दर्द, बाहों में अत्यधिक तनाव, जबड़े या पीठ में दर्द हो तो भी सचेत रहना चाहिए।

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04 April 2023, 01:52 PM IST

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