जब कोई तंत्रिका हड्डी या मांसपेशी द्वारा दब जाती है, तो उस स्थान पर सुन्नपन महसूस होता है. यह अक्सर गलत तरीके से बैठने, सोने, या किसी चीज को लंबे समय तक पकड़ने के कारण होता है.
कुछ स्वास्थ्य समस्याएं जैसे मधुमेह, विटामिन की कमी (विशेषकर विटामिन बी-12), किडनी की बीमारी, और अन्य तंत्रिका संबंधित बीमारियाँ भी सुन्नपन का कारण बन सकती हैं.
अगर किसी अंग में रक्त का प्रवाह कम हो जाता है, तो वह जगह सुन्न हो सकती है. यह स्थिति धमनी का सख्त होना, रक्त का थक्का बनना या अन्य हृदय संबंधी समस्याओं के कारण हो सकती है.
गर्दन या पीठ में चोट या डिस्क की समस्या के कारण भी तंत्रिकाएं दब सकती हैं, जिससे हाथ या पैरों में सुन्नपन हो सकता है.
सुन्नपन का उपचार उसके कारण पर निर्भर करता है. कुछ मामलों में यह अपने आप ठीक हो जाता है, लेकिन अन्य मामलों में चिकित्सा की आवश्यकता हो सकती है. यदि आपको लंबे समय तक सुन्नपन का अनुभव हो रहा है या यह आपके दैनिक जीवन में परेशानी पैदा कर रहा है, तो आपको डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए.