अर्जुन की छाल हृदय रोगों को नियंत्रित करने और हृदय की कार्यप्रणाली को बेहतर बनाने में बहुत प्रभावी मानी जाती है.
डायबिटीज जैसी घातक बीमारी को नियंत्रित करने में अर्जुन की छाल का उपयोग बहुत प्रभावी माना जाता है. अर्जुन की छाल में कई एंटी-डायबिटिक गुण पाए जाते हैं, जो इसे ब्लड शुगर को नियंत्रित करने में फायदेमंद बनाता है.
नियमित रूप से अर्जुन की छाल का काढ़ा पीने से हमारे लीवर और अग्न्याशय की कार्यप्रणाली बेहतर होती है, जिससे हमारा ब्लड शुगर हमेशा नियंत्रण में रहता है. इस आधार पर कहा जा सकता है कि अर्जुन की छाल मधुमेह के स्तर को सामान्य बनाए रखने में काफी मदद करती है.
अगर आप बदलते मौसम में सर्दी-खांसी से परेशान हैं तो अर्जुन की छाल का काढ़ा आपकी समस्या से राहत दिला सकता है. अर्जुन में कुछ ऐसे गुण पाए जाते हैं, जो हमारे फेफड़ों की कार्यप्रणाली को बेहतर बनाने में मदद करते हैं. अर्जुन की छाल का काढ़ा लगातार 4-5 दिन तक पीने से सर्दी-खांसी की समस्या दूर हो जाती है.
अर्जुन की छाल सांस संबंधी बीमारियों से राहत दिलाने के लिए जानी जाती है. इसका उपयोग लंबे समय से श्वसन रोगों के इलाज में किया जाता रहा है.
अगर आपको अस्थमा या सांस संबंधी कोई अन्य समस्या है तो आपको रोजाना अर्जुन की छाल का काढ़ा पीना चाहिए. इससे आपको जल्द ही राहत मिल सकती है.