सर्दियों में किस फ्लू का होता है सबसे ज्यादा खतरा, जानें बचाव के उपाय
फ्लू के सबसे ज़्यादा मामले दिसंबर से फ़रवरी के बीच देखने को मिलते हैं. फ्लू होने पर बुखार, नाक बहना, खांसी या पेट खराब होने जैसे लक्षण दिखते हैं. फ्लू के कई प्रकार हो सकते हैं.
Winter flu: सर्दियों का मौसम बीमारियों का मौसम भी माना जाता है. इस दौरान सर्दी, खांसी और बुखार जैसी समस्याएं आम होती हैं. फ्लू एक संक्रमण बीमारी है, जो दिसंबर से फरवरी के बीच सबसे अधिक फैलती है. इसके लक्षणों में बुखार, नाक बहना, खांसी और पेट खराब होना शामिल हैं. फ्लू के कई स्ट्रेन हर साल हमें बीमार कर सकते हैं. हालांकि, इसके लक्षण 4 से 7 दिनों में चले जाते हैं, लेकिन खांसी और थकान हफ्तों तक बनी रह सकती है.
सर्दियों में कौन-कौन से फ्लू हो सकते हैं?
- कोल्ड फ्लू: यह सर्दी-जुकाम के रूप में जाना जाता है. यह नाक, गला और श्वसन प्रणाली को प्रभावित करता है. आमतौर पर यह गंभीर नहीं होता और एक से दो हफ्ते में ठीक हो जाता है.
- स्वाइन फ्लू: यह एक प्रकार का इंफ्लूएंजा वायरस है, जिसमें बुखार, खांसी, गले में खराश, सिरदर्द और थकान जैसे लक्षण दिखाई देते हैं. यह संक्रामक है और गंभीर मामलों में घातक हो सकता है.
- एवियन फ्लू: यह पक्षियों से फैलने वाला फ्लू है, जो इंसानों के लिए भी घातक हो सकता है.
- डॉग और हॉर्स फ्लू: ये दुर्लभ प्रकार के फ्लू हैं, लेकिन इनके लक्षण गंभीर हो सकते हैं.
फ्लू से बचाव के उपाय
- हर साल फ्लू का टीका लगवाएं.
- बीमार लोगों से दूरी बनाएं.
- खांसते समय मुंह ढकें और नियमित रूप से हाथ धोएं.
फ्लू के लक्षणों में क्या करें?
इसके अलावा आपको बताया दें कि फ्लू होने पर डॉक्टर की सलाह से एंटीवायरल दवाएं लें. संतुलित आहार जैसे फल, हरी सब्जियां और साबुत अनाज का सेवन करें. अदरक और हाइड्रेटेड रहने से राहत मिल सकती है.