हाई हील्स यानि ऊंची एड़ी के सैंडल या जूते सिर्फ स्टाइल नहीं बल्कि मेंटल हेल्थ पर भी डालती है असर!

हाई हील्स खूबसूरती और कॉन्फिडेंस तो बढ़ाती हैं लेकिन क्या ये दिमाग पर भी असर डालती हैं? नई स्टडी बताती है कि लगातार पहनने से स्ट्रेस, मूड स्विंग और चिंता बढ़ सकती है. तो क्या हाई हील्स सेहत के लिए सही हैं या नुकसानदायक? जानिए पूरी रिपोर्ट!

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Edited By: Aprajita

Lifestyle: आज के दौर में हाई हील्स सिर्फ फैशन का हिस्सा नहीं बल्कि एक स्टाइल स्टेटमेंट बन चुकी हैं. इन्हें पहनने से महिलाएं खुद को कॉन्फिडेंट और ग्रेसफुल महसूस करती हैं लेकिन क्या आप जानते हैं कि हाई हील्स सिर्फ पैरों को ही नहीं बल्कि दिमाग पर भी असर डालती हैं? जी हां, हाई हील्स का मेंटल हेल्थ से गहरा नाता हो सकता है.

हाई हील्स पहनने से दिमाग पर क्या असर पड़ता है?

नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इंफॉर्मेशन (NCBI) में प्रकाशित एक स्टडी के मुताबिक हाई हील्स पहनने से महिलाओं की चाल धीमी हो सकती है संतुलन बिगड़ सकता है और घुटनों व रीढ़ की हड्डी पर दबाव पड़ सकता है. वहीं यह आत्मविश्वास को भी बढ़ा सकती हैं और बॉडी लैंग्वेज को बेहतर बना सकती हैं.

मनोचिकित्सक डॉ. सत्यकांत त्रिवेदी के अनुसार, हाई हील्स पहनने से महिलाओं को खुद को अधिक आकर्षक महसूस करने में मदद मिलती है जिससे डोपामाइन और सेरोटोनिन जैसे ‘फील गुड’ हार्मोन रिलीज होते हैं. लेकिन लगातार असुविधाजनक हील्स पहनने से तनाव और चिंता बढ़ सकती है. यह बॉडी डिस्मॉर्फिक डिसऑर्डर (Body Dysmorphic Disorder) को भी ट्रिगर कर सकती है जिसमें व्यक्ति अपनी उपस्थिति को लेकर जरूरत से ज्यादा परेशान रहता है.

हाई हील्स से तनाव और बैक पेन का कनेक्शन

स्टडीज बताती हैं कि जो महिलाएं रोज़ हाई हील्स पहनती हैं वे फ्लैट फुटवियर पहनने वालों की तुलना में तीन गुना ज्यादा तनाव और बैक पेन का शिकार होती हैं. इसकी वजह यह है कि जब शरीर लगातार दर्द में रहता है तो ब्रेन स्ट्रेस हार्मोन ‘कोर्टिसोल’ ज्यादा रिलीज करता है, जिससे मूड स्विंग, चिड़चिड़ापन और एंग्जायटी जैसी समस्याएं हो सकती हैं.

क्या ऊंची एड़ी से सच में आत्मविश्वास बढ़ता है?

कई फैशन और सेल्फ-इमेज एक्सपर्ट्स मानते हैं कि हाई हील्स पहनने से महिलाओं में आत्मविश्वास बढ़ता है और वे अधिक प्रभावशाली महसूस करती हैं. एक स्टडी में पाया गया कि हाई हील्स पहनने वाली महिलाओं को अधिक आत्मनिर्भर और आकर्षक माना जाता है. साइकेट्रिस्ट डॉ. अनिल सिंह शेखावत का कहना है कि जब हम कुछ ऐसा पहनते हैं जो हमें पसंद होता है तो हमारा दिमाग इसे ‘पॉजिटिव स्टिमुलस’ के रूप में पहचानता है और डोपामाइन रिलीज करता है, जिससे आत्मविश्वास बढ़ता है. लेकिन अगर हाई हील्स लंबे समय तक असुविधाजनक रहती हैं तो यह माइंड को नेगेटिव सिग्नल भेजने लगती हैं, जिससे मूड खराब हो सकता है.

अगर हील्स पहनने का शौक है, तो इन टिप्स को अपनाएं

  • सही हील का चुनाव करें: हमेशा चौड़ी और छोटी हील्स पहनें, जो बैलेंस बनाए रखें.
  • हील्स पहनने का समय नियंत्रित करें: रोजाना पहनने के बजाय विशेष अवसरों पर ही हाई हील्स का इस्तेमाल करें.
  • फुट एक्सरसाइज़ करें: पैरों और पीठ के लिए स्ट्रेचिंग और एक्सरसाइज़ करें ताकि मांसपेशियों पर ज्यादा दबाव न पड़े.
  • मेंटल वर्कआउट करें: माइंडफुलनेस और डी-स्ट्रेसिंग एक्सरसाइज़ से ब्रेन को रिलैक्स करें.

हाई हील्स पहनना कोई गलत बात नहीं है लेकिन इसे रोजाना पहनने से आपकी फिजिकल और मेंटल हेल्थ पर असर पड़ सकता है. अगर आप हाई हील्स पहनने की शौकीन हैं तो सही तरीके अपनाकर इसे बैलेंस करना जरूरी है. थोड़ा ध्यान देंगे तो न सिर्फ आपका स्टाइल मेंटेन रहेगा बल्कि आपकी सेहत भी सही रहेगी.

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19 March 2025, 08:54 PM IST

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