आपके दिमाग पर बुरा असर डालता है कोहरा, बढ़ जाता है इन बीमारियों का खतरा
Fog and brain health: कोहरे और वायु प्रदूषण का बढ़ता स्तर मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य पर गंभीर असर डाल रहा है, विशेष रूप से बुजुर्गों और बच्चों पर. लंबे समय तक कोहरे और प्रदूषण के संपर्क में रहने से मस्तिष्क की संरचना में बदलाव हो सकता है, जिससे डिमेंशिया जैसी न्यूरोलॉजिकल बीमारियां विकसित हो सकती हैं. इस मौसम में अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखना बेहद जरूरी है, क्योंकि इन तत्वों का प्रभाव मनोभ्रंश की शुरुआत से पहले भी हो सकता है.
Fog and brain health: कोहरे और वायु प्रदूषण के बढ़ते स्तर के कारण मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य पर गहरा असर पड़ रहा है. खासकर बुजुर्गों और बच्चों को इन स्थितियों से अधिक नुकसान हो सकता है. कोहरे का संपर्क मस्तिष्क पर प्रतिकूल प्रभाव डालता है, जिससे विभिन्न न्यूरोलॉजिकल बीमारियां, जैसे कि डिमेंशिया, विकसित हो सकती हैं. इस मौसम में अपने दिमाग और शरीर का ख्याल रखना बेहद महत्वपूर्ण है, क्योंकि कोहरे और वायु प्रदूषण के संयोजन से कई स्वास्थ्य समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं.
विशेषज्ञों के अनुसार, कोहरे और प्रदूषण के संपर्क में लंबे समय तक रहने से मस्तिष्क की संरचना में बदलाव आ सकता है, जिससे न्यूरोलॉजिकल विकारों का खतरा बढ़ जाता है. इसके अलावा, हालिया शोध से यह भी पता चला है कि इन तत्वों का प्रभाव मनोभ्रंश की शुरुआत से पहले भी हो सकता है.
कोहरा और प्रदूषण का दिमाग पर प्रभाव
कोहरा और वायु प्रदूषण की बढ़ती समस्या ने शहरी इलाकों में स्वास्थ्य संकट पैदा कर दिया है. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, 2018 में एयर पॉल्यूशन के कारण हर साल लगभग 4.2 मिलियन लोगों की असमय मृत्यु होती है. खासकर वायु प्रदूषण और कोहरे के संपर्क में रहने वाले बुजुर्गों में मस्तिष्क की संरचना में बदलाव देखा गया है, जो Alzheimer's और डिमेंशिया जैसी बीमारियों के लिए जोखिम कारक हो सकते हैं. अल्ट्रासाउंड और MRI के अध्ययन से यह पता चला है कि इन खतरनाक तत्वों के संपर्क में आने से मस्तिष्क में सूजन और ऑक्सीडेटिव तनाव बढ़ता है. इससे न्यूरोनल अपक्षयी बीमारियां, जैसे पार्किंसंस और डिमेंशिया, विकसित हो सकती हैं.
होती हैं ये परेशानी
कोहरे और प्रदूषण के संपर्क में आने से न केवल मस्तिष्क, बल्कि शारीरिक समस्याएं भी उत्पन्न हो सकती हैं. जिन लोगों को कोहरे के संपर्क में आने का अल्पकालिक अनुभव होता है, उन्हें अक्सर सिरदर्द, ध्यान की कमी और एकाग्रता में कठिनाई का सामना करना पड़ता है. इस प्रकार की समस्याएं मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित करती हैं और दीर्घकालिक प्रभावों का कारण बन सकती हैं.
उठाएं ये कदम
कोहरे और प्रदूषण के स्वास्थ्य पर प्रभाव को कम करने के लिए कुछ कदम उठाने की आवश्यकता है. सार्वजनिक परिवहन का अधिक उपयोग करने से उत्सर्जन को कम किया जा सकता है, जिससे प्रदूषण का स्तर घटता है. इसके अलावा, कचरा जलाने से बचना और वाहनों और उद्योगों के लिए सख्त नियम लागू करना भी जरूरी है. व्यक्तिगत स्तर पर, महीन कण फिल्टर वाला मास्क पहनने, बाहरी गतिविधियों को सीमित करने और एयर प्यूरीफायर का उपयोग करने से प्रदूषण के प्रभावों से बचा जा सकता है. इसके साथ ही, हरी सब्जियों, जामुन और मछली जैसे एंटीऑक्सीडेंट और सूजनरोधी खाद्य पदार्थों से भरपूर आहार मस्तिष्क के स्वास्थ्य को बनाए रखने में मदद करता है.