इंसान खा जाते हैं हर साल अरबों जानवर, पूरा आंकड़ा देखकर हैरान हो जाएंगे आप

साल 2019 में शुरू हुए कोविड ने पूरी दुनिया में कोहराम मचा दिया था. इसके फैलने के पीछे का कारन क्या था भले वो किसी को न पता हो लेकिन इससे जुडी कई थेओरिएस सामने आयी थी जिनमे इन्हे चमगादड़ से फैलने की बात कही थी।

Shweta Bharti
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कई रेसर्चेर्स का ये दावा था की चीन में लोग चमगादड़ खाते है और इसी वजह से ये महामारी फैली, लेकिन जहा चीन ने इन सभी बातों को झुंढलाया वही चीन ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया से हैरान करने वाली खबर सामने आई है। जानवरों को खाने को लेकर क्या कहता है डेटा इस धरती पर इंसानों के साथ साथ कई और जीव भी रहते हैं. लेकिन इंसानों को छोड़कर सब एक नियम के तहत चलते हैं। जैसे जंगल में कुछ जानवर मांसाहारी होते हैं तो कुछ जानवर शाकाहारी यानी जो मांस खाते हैं वो सिर्फ मांस खाते हैं और जो घास खाते हैं वो सिर्फ घास खाते हैं. लेकिन इंसान एक ऐसा जीव है जो दोनों खाता है।

वो वेज और नॉनवेज दोनों खाता है और खुद को सर्वाहारी बताता है. आपको जानकर हैरानी होगी की हर साल इंसान एक दो करोड़ नहीं बल्कि कई अरब जानवर मार कर खा जाते हैं। वर्ल्ड एनिमल फाउंडेशन की रिपोर्ट के मुताबिक, हर साल इस पूरी धरती पर 13.1 बिलियन यानी लगभग 13 सौ करोड़ से ज्यादा जानवर मरते हैं. सबसे बड़ी बात की ये सभी जीव इंसानों का खाना बनने के लिए मरते हैं।

जबकि, पूरी दुनिया में मरने वाले जीवों की संख्या की बात करें तो ये इससे कहीं ज्यादा यानी लगभग 83 बिलियन हैं. ये आंकड़े साल 2021 के बताए जा रहे हैं। अकेले अमेरिका में हर साल शिकारियों द्वारा 100 मिलियन यानी लगभग 10 करोड़ जानवर मार दिए जाते हैं. साल 2021 की बात करें तो इस साल अमेरिका में खाने के लिए 34.36 मिलियन गायों को मारा गया था।

मुर्गियों और बकरियों के हर साल मरने की बात करें तो वर्ल्ड एनिमल फाउंडेशन की रिपोर्ट के मुताबिक, पूरी दुनिया में हर साल 73 सौ करोड़ मुर्गियों को मारा जाता है। जबकि बकरियों की संख्या की बात करें तो ये 500 मिलियन के पार हैं। यानी लगभग 50 करोड़. सोचिए हर साल लोग इतनी तादाद में बकरियों और मुर्गियों को मार के खा जाते हैं।

वहीं फिश काउंट की एक रिपोर्ट के अनुसार, साल 2017 में 50 बिलियन से 167 बिलियन मछलियों को खाने के लिए मारा गया था। हालांकि, ये मछलियां पाली हुई थीं. यानी जो समुद्र से और नदियों से मारी जाती हैं, उनका आंकड़ा इस रिपोर्ट में शामिल ही नहीं है।

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