Fever Medicine Tips: कई बार लोगों को बुखार आ जाता है, तो वे उसे नजरअंदाज कर देते हैं. लोगों को लगता है कि कुछ देर बाद बुखार अपने आप ठीक हो जाएगा और इससे उनकी सेहत पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा. तमाम लोग बुखार आने पर दवा अवॉइड कर देते हैं. हालांकि ऐसा करना सेहत के लिए बेहद नुकसानदायक हो सकता है. डॉक्टर्स की मानें तो फीवर अगर शरीर में ज्यादा समय तक रहेगा, तो इससे बॉडी में कई समस्याएं पैदा हो सकती हैं.
लोगों को बुखार आने पर डॉक्टर की सलाह लेकर दवाएं लेनी चाहिए. बुखार आने पर हमारे शरीर का टेंपरेचर बढ़ जाता है. फीवर की कई वजह हो सकती हैं. कई बार वायरल तो कभी बैक्टीरियल इंफेक्शन की वजह से बुखार आने लगता है. बुखार आने पर लोगों को पैरासिटामोल लेने की सलाह दी जाती है, ताकि शरीर का टेंपरेचर नॉर्मल हो सके.
डॉक्टर ने बताया कि ज्यादातर बुखार में दवा न लेने पर टेंपरेचर ज्यादा बढ़ सकता है, जिससे ब्रेन को नुकसान हो सकता है और मरीज की कंडीशन बिगड़ सकती है. डेंगू में बुखार आने पर शरीर में प्लेटलेट काउंट तेजी से गिरने लगता है और इससे ब्लीडिंग का खतरा बढ़ जाता है. दवा न लेने पर बुखार शरीर में लंबे समय तक रह सकता है और इससे सिरदर्द, शरीर में दर्द, अत्यधिक थकावट और कमजोरी आ सकती है. अगर बुखार किसी बैक्टीरियल या वायरल इंफेक्शन की वजह से आ रहा है, तो ऐसी कंडीशन में दवा न लेने से इंफेक्शन बढ़ सकता है.
हेल्थ एक्सपर्ट की मानें तो अगर किसी को एक या दो दिनों तक बुखार आए और दवा लेने के बावजूद फायदा न मिले, तो जल्द से जल्द डॉक्टर से मिलकर अपनी जांच करानी चाहिए. ये किसी गंभीर बीमारी का संकेत हो सकता है और ऐसी कंडीशन में दवा न लेना और भी ज्यादा खतरनाक हो सकता है.
बारिश के मौसम में वायरल और बैक्टीरियल इंफेक्शन की वजह से बुखार के मामले बढ़ जाते हैं. इन दिनों बड़ी संख्या में लोग वायरल फीवर का शिकार हो रहे हैं. अगर किसी व्यक्ति को बुखार महसूस हो, तो थर्मामीटर से अपना टेंपरेचर माप लें. अगर ये सामान्य से ज्यादा हो, तो पैरासिटामोल दवा लें. First Updated : Sunday, 01 September 2024