वजन घटाना है तो बन जाओ बच्चा! तीन आदतें आपको वजन कम करने में करेंगी मदद
कम अंतराल पर खाना, जल्दबाजी से बचना और भूख व मूड के अनुसार न खाना, वजन घटाने के तीन महत्वपूर्ण सूत्र हो सकते हैं. चूंकि हर किसी का स्वभाव और स्वास्थ्य अलग-अलग होता है, इसलिए किसी भी आदत को अपनी जीवनशैली का हिस्सा बनाने से पहले विशेषज्ञ की सलाह लेना जरूरी है.

अगर आप वजन कम करने की कोशिश कर रहे हैं तो यह जानकारी जरूर पढ़ें. पोषण विशेषज्ञों के अनुसार, यदि आप अपना वजन कम करना चाहते हैं, तो बच्चे बन जाइये! यह पढ़कर आपको आश्चर्य हो सकता है, लेकिन यह लाभदायक है. तीन बचपन जैसी आदतें अपनाकर और कुछ छोटी-छोटी बातों को ध्यान में रखकर वजन कम किया जा सकता है. मौसम के बदलते मिजाज के साथ-साथ हमें भी अपनी कुछ आदतें बदलनी होंगी. आयुर्वेदिक विशेषज्ञ ऐसा आहार खाने की सलाह देते हैं जो स्वास्थ्यवर्धक हो, स्वास्थ्य को अच्छा बनाए रखे और वजन बढ़ने से रोके. यहां तक कि प्राचीन चिकित्सा अध्ययनों में भी वजन घटाने के लिए विशेष रूप से आहार पर ध्यान केंद्रित करने की सलाह दी गई है.
दो भोजन के बीच ज्यादा अंतर न रखें. स्वास्थ्य विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि आपको हर एक से तीन घंटे में कुछ ठोस और स्वस्थ खाने की आदत डालनी चाहिए. इसमें प्रोटीन स्रोत जैसे अंडे, पनीर या दही शामिल होना चाहिए.इसके अलावा, फाइबर युक्त कार्बोहाइड्रेट से भरपूर आहार वजन घटाने में सहायक होता है. दिन की संतुलित शुरुआत के लिए अपने नाश्ते में फल या सब्जियाँ शामिल करें. जिस तरह हम बच्चों को संतुलित आहार देने का प्रयास करते हैं, वही नियम वयस्कों के आहार पर भी लागू होना चाहिए.
तीन से चार घंटे के बाद सब्जी का सूप या सलाद लें
तीन से चार घंटे के बाद सब्जी का सूप या सलाद लें. यह दोपहर और रात के भोजन के बीच के अंतर को पाटने का एक अच्छा तरीका हो सकता है. ताकि आपको बाद में ज्यादा भूख न लगे. पोषण विशेषज्ञों के अनुसार, फल या स्मूदी भी एक अच्छा विकल्प है. विशेषज्ञों का कहना है कि रात का खाना छोटे नाश्ते के लगभग चार घंटे बाद खाना चाहिए. पकी हुई सब्जियाँ और ताज़ा सलाद शामिल करें. एक अन्य विकल्प सोया दूध या दही के साथ उच्च फाइबर वाला अनाज है. इसके अलावा आप रात के खाने में दूध और केला भी ले सकते हैं.
खाना खाते समय जल्दबाजी न करें.
कुछ बच्चों की तरह भोजन में जल्दबाजी न करें. आराम से खाना खाने में 10-15 मिनट लगते हैं. विशेषज्ञों की सलाह है कि वयस्कों को भी ऐसा ही करना चाहिए. आयुर्वेद भी हर निवाला चबाकर खाने को कहता है. हम बचपन से यह सुनते आ रहे हैं. विशेषज्ञों के अनुसार इसके पीछे मनोविज्ञान है. बहुत जल्दी-जल्दी खाने से मस्तिष्क के लिए यह समझना कठिन हो जाता है कि पेट भर गया है.
केवल तभी खाओ जब तुम्हें भूख लगे.
तीसरी और सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि कुछ भी खाने से बचें. भोजन केवल तभी करें जब आपको भूख लगे, तथा इसलिए न खाएं क्योंकि आप ऊब गए हैं या तनाव में हैं. विशेषज्ञों का कहना है कि छोटे बच्चों की तरह ही भूख के संकेतों पर भी ध्यान देना चाहिए. कम अंतराल पर खाना, जल्दबाजी से बचना और भूख व मूड के अनुसार न खाना, वजन घटाने के तीन महत्वपूर्ण सूत्र हो सकते हैं. चूंकि हर किसी का स्वभाव और स्वास्थ्य अलग-अलग होता है, इसलिए किसी भी आदत को अपनी जीवनशैली का हिस्सा बनाने से पहले विशेषज्ञ की सलाह लेना जरूरी है.