Symptom Of PCOD: महिलाओं में पॉलिसिस्टिक ओवरी डिज़ीज़ (पीसीओडी) एक आम समस्या बनती जा रही है. खासकर, अब यह बीमारी 18 से 25 साल की उम्र की लड़कियों में भी देखी जा रही है. पीसीओडी के कई लक्षण होते हैं और इनमें से एक बढ़ता मोटापा भी हो सकता है. ऐसे में यह जरूरी है कि मोटापे से पीड़ित महिलाएं और लड़कियां इस बीमारी की जांच करवाएं.
पीसीओडी क्या है?
पीसीओडी एक हार्मोनल डिसऑर्डर है जो महिलाओं को प्रभावित करता है. इस बीमारी में महिलाओं की ओवरी में छोटे-छोटे सिस्ट बनने लगते हैं. कई बार इसके लक्षण स्पष्ट नहीं होते, जिससे यह समस्या बढ़ती रहती है. एक्सपर्ट्स का कहना है कि अगर किसी महिला का वजन बिना किसी स्पष्ट कारण के बढ़ रहा है तो यह पीसीओडी का संकेत हो सकता है.
पीसीओडी के लक्षण
इस बीमारी में महिलाओं के शरीर में पुरुष हार्मोन का स्तर बढ़ जाता है. इसके कारण कई समस्याएं होती हैं, जैसे:
➧ मांसपेशियों का बढ़ना: शरीर में मांसपेशियों की वृद्धि होती है.
➧ बालों का बढ़ना: छाती और चेहरे पर पुरुष पैटर्न के बाल उगने लगते हैं.
➧ मूड स्विंग्स: मूड में बदलाव और चिंता की समस्याएं होती हैं.
➧ वजन बढ़ना: बिना किसी कारण के वजन बढ़ना.
गायनेकोलॉजी विभाग की विशेषज्ञ बताती हैं कि पीसीओडी में बालों का पतला होना और गिरना भी आम लक्षण हैं. यह एण्ड्रोजन (पुरुष हार्मोन) के उच्च स्तर के कारण होता है, जो बालों के रोम को सिकोड़ सकता है.
पीसीओडी की पहचान कैसे करें?
पीसीओडी का पता लगाने के लिए कुछ परीक्षण होते हैं, जैसे:
➧ पेल्विक अल्ट्रासाउंड: इससे ओवरी में सिस्ट की पहचान होती है.
➧ हार्मोनल परीक्षण: इसमें शरीर में हार्मोन के स्तर की जांच की जाती है.
➧ शारीरिक जांच: डॉक्टर द्वारा सामान्य स्वास्थ्य की जांच की जाती है.
अगर किसी महिला की ओवरी में सिस्ट हैं तो दवाओं से उनका इलाज किया जा सकता है. लेकिन अगर सिस्ट बड़े हैं तो सर्जरी की जरूरत पड़ सकती है.
पीसीओडी से बचने के उपाय
पीसीओडी से बचने के लिए कुछ उपाय अपनाने की जरूरत है:
➧ संतुलित आहार: सही खानपान पर ध्यान दें.
➧ धूम्रपान और शराब से बचें: इनसे हार्मोनल समस्या बढ़ सकती है.
➧ वजन नियंत्रित रखें: नियमित व्यायाम करें और स्वस्थ जीवनशैली अपनाएं.
➧ मानसिक तनाव से दूर रहें: तनाव को कम करने के उपाय खोजें.
➧ लाइफस्टाइल में बदलाव: योग और ध्यान से मानसिक स्वास्थ्य में सुधार करें.
इन उपायों को अपनाकर महिलाएं पीसीओडी से बच सकती हैं और अपने स्वास्थ्य को बेहतर बना सकती हैं. सही समय पर पहचान और देखभाल से इस बीमारी को नियंत्रण में रखा जा सकता है. First Updated : Monday, 04 November 2024