कर्नाटक के लोगों को सिद्धारमैया सरकार ने बड़ा झटका दिया है. कर्नाटक की कांग्रेस सरकार ने दूध के दाम 4 रुपये प्रति लीटर तक बढ़ा दिए हैं. इससे पहले हिमाचल प्रदेश की सुक्खू सरकार ने दूध की कीमतों में 6 रुपये प्रति लीटर तक की बढ़ोतरी करने का ऐलान किया था. रिपोर्ट के अनुसार, कर्नाटक मिल्क फेडरेशन द्वारा सप्लाई किए जाने वाले नंदिनी दूध की कीमत में 4 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी की है. कैबिनेट ने दही की कीमत में भी 4 रुपये प्रति किलो की बढ़ोतरी की है.  

बता दें कि यह बढ़ोतरी उगादी त्यौहार से पहले की गई है, जिसे 30 मार्च को कर्नाटक में बड़े धूमधाम से मनाया जाता है. इस बढ़ोतरी से होटलों और मिठाई की दुकानों में कॉफी, चाय और सभी दूध उत्पादों की कीमतों में तेजी से बढ़ोतरी होने वाली है. दरअसल, केएमएफ और किसान संगठन दूध की कीमत में 5 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी की मांग कर रहे हैं. हालांकि, सरकार ने दूध की कीमतों में 4 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी करने का फैसला किया है.

दूध के साथ दही की भी कीमतें बढ़ीं

इसके बाद सबसे लोकप्रिय नीले रंग के नंदिनी दूध के एक लीटर पैकेट की कीमत अब 44 रुपये से बढ़कर 48 रुपये हो जाएगी. इसी तरह एक लीटर वाले होमोजीनाइज्ड पैक की कीमत 47 रुपये, हरे पैक की कीमत 50 रुपये और केसर वाले पैकेट की कीमत 52 रुपये होगी. दही की कीमतें अब 50/kg से बढ़कर 54/kg होगी.

दिल्ली-एनसीआर में लॉन्च हुआ नंदिनी मिल्क

इससे पहले मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने दिल्ली-एनसीआर के बाजार में कर्नाटक दुग्ध महासंघ (केएमएफ) के नंदिनी ब्रांड के मिल्क उत्पादों को लांच किया था और इस इलाके में अपनी पैठ जमाने के लिए दूसरे ब्रांड की तुलना में इनकी कीमत थोड़ी कम रखी थी. सहकारी संस्था गाय के दूध के चार प्रकार, दही और छाछ की खुदरा बिक्री प्रतिस्पर्धी मूल्य पर करेगी, जो मदर डेयरी और अमूल जैसी स्थापित कम्पनियों को कड़ी टक्कर देगी.

100 लाख लीटर दूध इकट्ठा करता है नंदिनी KMF

केएमएफ वर्तमान में प्रतिदिन 100 लाख लीटर दूध इकट्ठा करता है, जिसमें से स्थानीय खपत 60 लाख लीटर है, जिससे नए बाजारों में विस्तार के लिए 40 लाख लीटर का अधिशेष बच जाता है. 26.76 लाख दूध उत्पादकों, 15,737 डेयरी सहकारी समितियों और 15 जिला दूध संघों के मजबूत बुनियादी ढांचे के साथ, केएमएफ का कारोबार 25,000 करोड़ रुपये का है और यह 25 से अधिक देशों को डेयरी उत्पादों का निर्यात करता है.