फूड पैकेट में 3 चीज को बोल्ड लेटर में लिखना जरूरी, जान लें क्या हैं नए नियम?
FSSAI: खाद्य नियामक एफएसएसएआई पैकेज्ड खाद्य पदार्थों पर नमक, चीनी और वसा के बारे में बोल्ड और बड़े फॉन्ट में जानकारी देना अनिवार्य बनाने के लिए कमर कस रहा है. नियामक ने शनिवार को इस संबंध में लेबलिंग मानदंडों में बदलाव को मंजूरी दे दी. एफएसएसएआई इस संबंध में एक मसौदा अधिसूचना जारी करेगा और हितधारकों से आपत्तियां मांगेगा
FSSAI: पैकेज्ड फूड को लेकर अब कंपनियां किसी भी तरह की धांधली नहीं कर पाएंगी. खाने में किस तरह की सामग्री और कितनी मात्रा में मिलाई गई है. इनकी जानकारी छोटे अक्षरों में नहीं बल्कि बोल्ड और बड़े फॉन्ट साइज में देनी होगी. सरकार इस संबंध में अधिसूचना जारी करने की भी योजना बना रही है. इससे पहले नियामक ने भी इस फैसले को हरी झंडी दे दी थी. साफ है कि कोई भी पैकेज्ड फूड खरीदने से पहले आम लोगों को यह जान लेना चाहिए कि उस उत्पाद में कितनी फैट, कितनी चीनी और कितना नमक होगा. आइए आपको भी बताते हैं कि सरकार मौजूदा समय में किस तरह का फैसला लेने जा रही है.
अब देनी होगी ये जानकारी
खाद्य नियामक एफएसएसएआई पैकेज्ड खाद्य पदार्थों पर नमक, चीनी और वसा के बारे में बोल्ड और बड़े फॉन्ट में जानकारी देना अनिवार्य बनाने के लिए कमर कस रहा है. नियामक ने शनिवार को इस संबंध में लेबलिंग मानदंडों में बदलाव को मंजूरी दे दी. एफएसएसएआई इस संबंध में एक मसौदा अधिसूचना जारी करेगा और हितधारकों से आपत्तियां मांगेगा. एक आधिकारिक बयान में, भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) ने कहा कि उसने पैकेज्ड खाद्य पदार्थों के लेबल पर बोल्ड और बड़े फॉन्ट साइज में कुल चीनी, नमक और संतृप्त वसा पर पोषण संबंधी जानकारी प्रदान करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है.
FSSAI approves proposal to display nutritional information labelling of total sugar, salt and saturated fat in bold letters and bigger font size in 44th meeting of Food Authority #EatRightIndia #FSSAI #FoodAuthority #FoodLabelling @MoHFW_INDIA pic.twitter.com/FXB6bqGx5K
— FSSAI (@fssaiindia) July 6, 2024
नोटिस जारी कर आपत्तियां मांगी जाएंगी
पोषण लेबलिंग के संबंध में खाद्य सुरक्षा और मानक (लेबलिंग और प्रदर्शन) नियम, 2020 में संशोधन को मंजूरी देने का फैसला एफएसएसएआई के अध्यक्ष अपूर्व चंद्रा की अध्यक्षता में लिया गया. नियामक ने कहा कि संशोधन का उद्देश्य उपभोक्ताओं को उत्पाद के पोषण मूल्य को बेहतर ढंग से समझने और बेहतर विकल्प चुनने में सक्षम बनाना है. इस संशोधन के लिए जारी कान्ट्रैक्ट अधिसूचना में अब सुझाव और आपत्तियां मांगी जाएंगी.
इससे भ्रामक दावों को रोकने में मदद मिलेगी
पैकेज्ड फूड पर बोल्ड और कैपिटल लेटर्स में इस तरह की जानकारी देने का असली मकसद आम लोगों को भ्रामक दावों से बचाना माना जा रहा है। ताकि आम लोग हेल्दी ऑप्शन चुन सकें। नियामक समय-समय पर आम लोगों को इस तरह के नोटिस जारी करता रहता है. जिसमें ई-कॉमर्स वेबसाइट्स को "हेल्थ ड्रिंक" शब्द हटाने की सलाह दी गई है. वहीं खाद्य उद्यमियों (food entrepreneurs) को विज्ञापनों से फ्रूट जूस लेवल और 100 प्रतिशत फ्रूट जूस जैसे दावों को तत्काल प्रभाव से हटाने का निर्देश दिया गया है.