Osteoarthritis symptoms: क्या आपके घुटने मोड़ने पर कटकट की आवाज आती है? क्या आपको कभी घुटनों में क्रैकिंग या पॉपिंग साउंड सुनाई देती है? अगर हां, तो सावधान हो जाइए क्योंकि यह ऑस्टियोआर्थराइटिस (Osteoarthritis) जैसी गंभीर बीमारी का संकेत हो सकता है, जो घुटनों और अन्य जोड़ों को प्रभावित करती है. यह बीमारी आमतौर पर उम्र बढ़ने के साथ होती है, जिसमें घुटनों में असहनीय दर्द और चलने-फिरने में दिक्कतें होती हैं.
ऑस्टियोआर्थराइटिस, जिसे डीजेनेरेटिव आर्थराइटिस भी कहा जाता है, में जोड़ों में मौजूद कार्टिलेज (हड्डी के जोड़ों का सुरक्षात्मक परत) का क्षरण शुरू हो जाता है. इसके परिणामस्वरूप, घुटनों में क्रीपिटस (क्रैकिंग, ग्रेटिंग या पॉपिंग साउंड) सुनाई देती है. हाल ही में किए गए शोध से यह साबित हुआ है कि यह आवाजें ऑस्टियोआर्थराइटिस के बढ़ने की ओर इशारा करती हैं, और शुरुआती स्टेज में इसका दर्द नहीं होता, लेकिन यह स्थिति धीरे-धीरे गंभीर हो सकती है.
सेंटर्स फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (CDC) के अनुसार, आर्थराइटिस के 100 से अधिक प्रकार होते हैं, लेकिन ऑस्टियोआर्थराइटिस सबसे सामान्य प्रकार है. यह बीमारी सामान्यतः 50-60 वर्ष की उम्र के बाद होती है, हालांकि, महिलाओं में यह 40-50 वर्ष की उम्र में भी शुरू हो सकती है. इसके अलावा, जिनका वजन अधिक होता है, उन्हें भी इस बीमारी का खतरा जल्दी हो सकता है.
ऑस्टियोआर्थराइटिस के प्रमुख लक्षण निम्नलिखित हो सकते हैं:
जोड़ों में हल्का या गंभीर दर्द.
जोड़ों में जकड़न और सूजन.
शारीरिक श्रम के बाद दर्द का बढ़ना.
बीमारी के बढ़ने पर आराम करने पर भी दर्द रहना.
जोड़ों में कमजोरी महसूस होना.
घुटनों से कभी-कभी क्रीकिंग या ग्रेटिंग की आवाज सुनाई देना.
हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक, घुटनों में क्रीपिटस या कटकट की आवाज तब होती है जब घुटनों का कार्टिलेज टूटने लगता है और हड्डियां आपस में रगड़ने लगती हैं. यह आवाज तो आती है, लेकिन दर्द नहीं होता, लेकिन इससे ऑस्टियोआर्थराइटिस होने का खतरा हो सकता है.
उम्रदराज – जैसे-जैसे उम्र बढ़ती है, आर्थराइटिस का खतरा बढ़ता है.
महिलाओं को पुरुषों की तुलना में अधिक खतरा – महिलाओं को इस बीमारी का अधिक शिकार होने की संभावना होती है.
अधिक वजन या मोटापा – ज्यादा वजन होने से घुटनों पर दबाव पड़ता है, जिससे यह समस्या बढ़ सकती है.
खेलकूद या किसी एक्सीडेंट में चोट लगना – चोट लगने से भी ऑस्टियोआर्थराइटिस का खतरा बढ़ सकता है.
जेनेटिक फैक्टर – यह बीमारी कुछ मामलों में जेनेटिक कारणों से भी हो सकती है.