हमारा समाज आज भी किन्नरों को अलग नज़रिए से देखता है, लेकिन हम इस बात से अवगत नहीं होते कि किन्नरों कि जिंदगी जन्म से लेकर मृत्यु तक खुद के लिए लड़ने में गुजर जाती है, हम किन्नरों के उस बाहरी रुप को देखकर कुछ भी कह देते हैं लेकिन उनके अंदर का वो दर्द जिसको वह छुपाए घूमते अपना पेट पालते है उस संघर्ष को पहचान नहीं पाते. ऐसे ही किन्नरों के जुड़ें कुछ रोचक तथ्य आपको बताने वाले हैं -
1. किन्नर अयोग्यता के कारण या जाति, जात, रंग, सेक्स आदि की समझ के कारण जन्म से समान में शामिल नहीं हो पाते हैं.
2. किन्नर शब्द भारतीय इतिहास में पहली बार उपयोग आते हैं, लेकिन ऐतिहासिक रूप से इशरायी को यूरोप के 'हिजड़े' और ताइलैंड के 'काटोई' के रूप में जाना जाता है.
3. किन्नर भारतीय सस्कृति में अंक गणित के क्षेत्र में एक विशेष स्थान रखते हैं. उनके पास अलग-अलग गुण-दल के साथ दिखाई देते हैं, जैसे कि नम्रता, संतोष, तपस्या, प्रेम आदि.
4. भारत में किन्नर जीवन एक चालीस ग्राम विषयों का पालन करने वाले योगू माने जाते हैं, जिसमें समाजिक, नैतिक, आर्थिक, राजनीतिक, धार्मिक, साहित्यिक, कला आदि शामिल होते हैं.
5. किन्नर महिला और पुरुष दोनों समूहों से मध्य रहते हैं. भारतीय मान्यता के मुताबिक, वे किसी भी एक लिंग के नहीं होते हैं, लेकिन उभय लिंगी कहलाते हैं.
6. किन्नरों का दूसरा बहुत प्रसिद्ध नाम 'हिजड़े' होता है, जो हिंदी भाषा में उपयोग होता है. इस शब्द का शाब्दिक अर्थ होता है 'खतरनाक' या 'अपवित्र'.
7. किन्नरों का समाज में अपना ही एक विशेष समाजिक ड्रेस कोड होता है. वे पारंपरिक भारतीय सवालियों, साड़ियों और ब्लाउज़ को पहनते हैं, जिसे 'लंगा' कहा जाता है.
8. किन्नरों को भारत में बहुत सम्मान और पूज्यता मिलती है। वे पारंपरिक रूप से शुभ कार्यों और नशे के समय बुलाए जाते हैं, क्योंकि उन्हें माना जाता है कि वे आपत्तिजनक शक्तियों को दूर कर सकते हैं.
9. किन्नर समुदाय का सबसे प्रसिद्ध मेला भारत में खिंडसरोवर मेला होता है, जो राजस्थान में मारवाड़ी जिले के पास स्थित है. इस मेले में किन्नर नृत्य, गायन, नर्तन और रंगमंच प्रदर्शन करते हैं.
10. किन्नरों को महिला और पुरुष दोनों का रूप मान्यता है, और वे अपने आप की पहचान तथा व्यक्तिगत स्वतंत्रता और आपराधिक छूट भी हासिल कर सकते हैं.
11. जब किसी किन्नर कि मृत्यु होती है तो उसके शव को अन्य किन्नरों द्वारा चप्पल से पीटा जाता है और शव यात्रा को भी रात के समय में निकाला जाता है, जिस दौरान सभी किन्नर खुशी - खुशी उसमें शामिल होती हैं. उनका ऐसा मानना है उनको किन्नर की उस दर्दभरी जिंदगी से आज़ादी मिल गई. First Updated : Monday, 04 September 2023