International Widows Day: क्या है इस विशेष दिन का इतिहास और महत्व

अंतर्राष्ट्रीय विधवा दिवस: इस विशेष दिन का मुख्य उद्देश्य है कि विश्वभर में विधवाओं के जीवन को बेहतर बनाना और उनके अधिकारों की रक्षा करना, उनके लिए उचित रोजगार, आय, पेंशन और सामाजिक सुरक्षा आदि सुविधाएं देना. इसी उद्देश्य की पूर्ति के लिए हर साल अंतरराष्ट्रीय विधवा दिवस मनाया जाता है.

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International Widows Day: किसी भी महिला के लिए सबसे पीड़ादायक और चुनौतीपूर्ण स्थित तब होती है जब उसकी पहचान समाज में एक विधवा के तौर पर होती है. हालांकि, मृत्यु जीवन का सबसे जटिल सत्य है. लेकिन अपने जीवनसाथी को खो देने का सच एक महिला को पूरी तरह से तोड़ देता है. दुनिया में आज भी विधवाओं को सामाजिक बहिष्कार का सामना करना पड़ता है.  

दुनियाभर में विधवाओं को सशक्त और उनके जीवन के आसान बनाने की दिशा में उनके लिए एक दिन विशेष बनाया गया है – अंतर्राष्ट्रीय विधवा दिवस.  आज 23 जून को विश्व में अंतर्राष्ट्रीय विधवा दिवस मनाया जा रहा है, जिसका उद्देश्य है विधवाओं को सशक्त बनाने के महत्त्व को बढ़ावा देना. आइये जानते हैं इस विशेस दिन के इतिहास, महत्व के बारे में 

अंतर्राष्ट्रीय विधवा दिवस का इतिहास 

संयुक्त राष्ट्र ने 23 जून, 2011 को अंतर्राष्ट्रीय विधवा दिवस मनाने की मान्यता दी थी. अंतरराष्ट्रीय विधवा दिवस की स्थापना कई संगठनों के अथक प्रयासों के बाद हुई थी, जिसमें लूम्बा फाउंडेशन भी शामिल था. यह एक अंतरराष्ट्रीय चैरिटी है, जो विधवाओं के अधिकारों के लिए लड़ती है. वैश्विक स्तर पर विधवाओं के सामने आने वाली कठिनाइयों, अधिकारों और कल्याण करने के उद्देश्य से अंतरराष्ट्रीय विधवा दिवस को मनाने की मान्यता मिली.

क्या है महत्व

इस विशेष दिन का मुख्य उद्देश्य है कि विश्वभर में विधवाओं के जीवन को बेहतर बनाना और उनके अधिकारों की रक्षा करना, उनके लिए उचित रोजगार, आय, पेंशन और सामाजिक सुरक्षा आदि सुविधाएं देना. इसी उद्देश्य की पूर्ति के लिए हर साल अंतरराष्ट्रीय विधवा दिवस मनाया जाता है.

इस साल की थीम क्या है 

अंतर्राष्ट्रीय विधवा दिवस के लिए हर साल एक थीम की घोषणा होती है. इसका मकसद यह है कि हर साल एक नए एजेंडा पर काम किया जा सके. इस साल की थीम "लैंगिक समानता के लिए नवाचार और प्रौद्योगिकी" है. First Updated : Friday, 23 June 2023