बाजार में बिकने वाला A1 और A2 दूध क्या है? खरीदने से पहले हो जाएं सतर्क, FSSAI ने किया आगाह
FSSAI Alert: आज के समय में लोगों की लाइफस्टाइल काफी बदल गई है. जो खाने की चीजें घर पर फ्रेश बनती थी वही चीजें आज मार्केट में बंद पैकेट में मिलती है. हाल ही में फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड अथॉरिटी ऑफ इंडिया (FSSAI) ने A1 या A2 लेबलिंग के साथ दूध, घी और बटर बेच रही कंपनियों को ऐसा करने से मना किया है. आइए जानते हैं क्या है इसका मतलब.
FSSAI Alert: आजकल ज्यादातर डेयरी का सामान बेचने वाली कंपनियां A1 या A2 लेबलिंग के साथ दूध, घी और बटर बेच रही हैं. इन्हीं चीजों को देखते हुए 'फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड अथॉरिटी ऑफ इंडिया' (FSSAI) ने कंपनियों को इस तरह की लेबलिंग के साथ दूध, घी और बटर बेचने के लिए मना किया है. FSSAI का कहना है कि इस तरह की लेबलिंग के साथ चीजों को बेचना काफी भ्रामक है.
FSSAI का कहना है कि इस तरह की लेबलिंग के साथ उपभोक्ताओं को सामान बेचना काफी भ्रामक है. ऐसे में लोग कंफ्यूज हो जाते हैं की आखिर ठीक क्या है. कई फूड बिजनेस ऑपरेटर (FBO) FSSAI लाइसेंस संख्या के तहत ए1 और ए2 के नाम पर दूध और दूध उत्पादों जैसे घी, मक्खन, दही आदि बेच रहे हैं. ऐसे में संज्ञान में आते ही, FSSAI ने इस तरह की बिक्री को रोकने के लिए ये स्टेटमेंट जारी किया है.
लोगों को करता भ्रमक
FSSI ने जानकारी देते हुए बताया कि दूध या उससे बने उत्पादों को A1 या A2 लेबलिंग के साथ बेचना ना केवल भ्रामक है, बल्कि FSS अधिनियम, 2006 और उसके तहत बनाए गए नियमों के तहत निर्धारित किए गए प्रावधानों के अनुरूप भी नहीं है. FSSAI ने स्पष्ट करते हुए कहा कि ए1 और ए2 दूध के बीच अंतर बीटा-कैसिइन नामक प्रोटीन की संरचना पर आधारित है, जो उपभोक्ताओं को भ्रमित कर सकता है. ऐसे में कंपनियों को अपने उत्पादों से ऐसे दावों को हटा देना चाहिए.
कंपनियों को 6 महीने तक का समय
fssai ने कंपनियों को A1 और A2 लेबल वाले अपने मौजूदा उत्पादों को खत्म करने के लिए 6 महीने का समय दिया है. उसके बाद, उत्पादों पर Fssai लाइसेंस नंबर के साथ ऐसी लेबलिंग नहीं होनी चाहिए. इंडियन डेयरी एसोसिएशन के प्रेसिडेंट आरएस सोढ़ी ने कहा, उपभोक्ताओं को खाद्य और डेयरी कंपनियों के वैज्ञानिक दावों से बचाने के लिए Fssai ने यह ऐतिहासिक नोटिफिकेशन जारी की है.
A1 और A2 क्या मतलब है?
बाजार में A1 और A2 लेबलिंग के साथ बहुत से मिल्क प्रोडक्ट्स बेचे जा रहे हैं, जिससे इस बात पर बहस छिड़ गई है कि A1 या A2 मिल्क प्रोडक्ट्स खाने का क्या मतलब है. A1 और A2 एक खास प्रोटीन होते हैं जो गाय के दूध में पाए जाते हैं. हेल्थलाइन के अनुसार, कुछ स्टडीज में ये बात कही गई है कि A2 हेल्दी हो सकता है, लेकिन इस पर अभी और रिचर्स चल रही हैं. हालांकि, सेहत पर प्रभाव गाय की नस्ल पर निर्भर करता है. कैसिइन दूध में सबसे ज्यादा प्रोटीन पाया जाता है, इसके अलावा दूध में अलग- अलग टाइप के कैसिइन मौजूद होते हैं, जिनमें बीटा-कैसिइन दूसरा सबसे आम है. ये प्रोटीन कम से कम 13 अलग-अलग रूपों में मौजूद होता है.
➤ A1 बीटा- कैसिइन: ये सबसे ज्यादा उत्तरी यूरोप में पाई जाने वाली गाय की नस्लों जैसे हॉल्स्टीन, फ़्रीशियन, आयरशायर और ब्रिटिश शोरथॉर्न के दूध में पाया जाता है.
➤ A2 बीटा- कैसिइन: ये ग्वेर्नसे, जर्सी, चारोलिस और लिमोसिन नस्ल वाली गाय के दूध में पाया जाता है. रेगुलर मिलने वाले दूध में A1 और A2 बीटा- कैसिइन मौजूद होता है, वहीं, A2 हीं दूध में खासतौर पर A2 वेरिएंट ही मौजूद होता है.