कर्नल मनबीर का सपना बना आपकी रॉयल रियलिटी, जानिए क्यों खास है नूरमहल वीकेंड ट्रिप के लिए?
करनाल में नूरमहल का निर्माण 2009 में एक होटल के रूप में किया गया था, जो भारतीय महाराजाओं के युग की वास्तुकला के चमत्कारों और भव्य राजसी ठाठ-बाट से प्रेरित है.

अगर आप कॉर्पोरेट जीवन का हिस्सा हैं, तो लंबा वीकेंड आपके लिए किसी बोनस से कम नहीं होता. ये छोटे-छोटे ब्रेक, एक थकी हुई दिनचर्या से राहत देने का जरिया बन चुके हैं. वीकेंड्स की तुलना में लंबे वीकेंड्स अब ज्यादा लोकप्रिय हो गए हैं, जो यात्रियों को न सिर्फ़ सुकून देने का मौका देते हैं, बल्कि नई जगहों की खोज के लिए भी प्रेरित करते हैं. एक ट्रैवल ऐप के अनुसार, 2023 में तीन या उससे अधिक ट्रिप करने वालों की संख्या 2019 की तुलना में 25% बढ़ी है. ये बताता है कि लोग ऐसे मौकों का भरपूर फायदा उठा रहे हैं.
लोकप्रिय टूरिस्ट डेस्टिनेशन
हालांकि, इसके साथ भीड़ और शोरगुल भी आ गया है. अब लगभग हर लोकप्रिय टूरिस्ट डेस्टिनेशन सोशल मीडिया की वजह से भीड़ से भर जाता है. ऐसे में, बड़े शहरों से कुछ दूरी पर स्थित शांत और सुंदर रिट्रीट्स ही राहत देने वाले विकल्प बनते जा रहे हैं. दिल्ली वालों के लिए एक ऐसा ही रत्न है करनाल में स्थित नूरमहल, जो शाही भव्यता, इतिहास और आधुनिक लग्ज़री का अनोखा संगम है.
करीब 12 एकड़ में फैला नूरमहल, मुगल, राजपूताना और सिख स्थापत्य शैली का मिश्रण है. महल के हर कोने में विरासत झलकती है. चाहे वो दुर्लभ झूमर हो, जो सिर्फ राष्ट्रपति भवन में देखने को मिलता है या फिर वे कलाकृतियाँ जो विशेष नीलामी से लाई गई हैं. 2008 में स्थापित यह महल सिर्फ़ एक होटल नहीं, बल्कि एक जीवंत विरासत स्थल है. इसे कर्नल मनबीर चौधरी ने बनाया, जिनका सपना था एक ऐसा स्थल बनाना जो इतिहास, पारिवारिक विरासत और आतिथ्य का सच्चा प्रतीक हो.
करनाल का अपना एक समृद्ध अतीत है, जिसका संबंध महाभारत के कर्ण से जोड़ा जाता है. यहां के कई ऐतिहासिक स्थल जैसे कोस मीनार, कर्ण ताल, बाबर की मस्जिद इस शहर की विरासत को और भी विशेष बनाते हैं.
शहर की पहचान है नूरमहल
नूरमहल इस ऐतिहासिक शहर की पहचान बन चुका है. स्पा, क्रिकेट ग्राउंड, पिकलबॉल कोर्ट और शानदार लॉन से लेकर एक अनोखे थीम वाले रेस्तरां फ्रंटियर मेल तक हर चीज़ इस अनुभव को और भी खास बना देती है. यह रेस्तरां ब्रिटिश इंडिया के समय की ट्रेन के डिज़ाइन पर आधारित है, जहां आप इतिहास के स्वाद के साथ भोजन का लुत्फ़ उठा सकते हैं.
यह जगह सिखाती है हर राजसी अनुभव केवल राजस्थान या हिमाचल में ही नहीं होता. कभी-कभी शाही एहसास आपके पास, दिल्ली से सिर्फ कुछ घंटों की दूरी पर ही मिल सकता है.