बिना बच्चों की शादीशुदा ज़िंदगी: क्या है DINK? जानें इस लाइफस्टाइल के फायदे और नुकसान
DINK (Dual Income, No Kids) लाइफस्टाइल उन कपल्स के बीच लोकप्रिय हो रही है जो आर्थिक स्वतंत्रता और करियर ग्रोथ को प्राथमिकता देते हैं और बच्चे नहीं चाहते. इसका सबसे बड़ा फायदा वित्तीय स्थिरता, व्यक्तिगत विकास और रिश्ते को मजबूत करने के रूप में देखा जाता है, लेकिन उम्र बढ़ने के साथ अकेलेपन की संभावना बनी रहती है.

आज के दौर में करियर और स्वतंत्रता को प्राथमिकता देने वाले कपल्स की संख्या लगातार बढ़ रही है. 'DINK' यानी 'डुअल इनकम, नो किड्स' वो जीवनशैली है, जिसे ऐसे दंपति अपनाते हैं जिसमें दोनों लोग कमाते हैं लेकिन संतान नहीं चाहते. ऑटोमेशन और प्रोफेशनल ग्रोथ पर बढ़ती निर्भरता के चलते इस ट्रेंड में तेजी आई है. शहरी जीवनशैली, महंगाई और व्यक्तिगत आकांक्षाओं को देखते हुए, युवा कपल्स पारंपरिक जिम्मेदारियों से हटकर अपने करियर और लाइफस्टाइल को प्राथमिकता दे रहे हैं.
DINK लाइफस्टाइल के फायदे
DINK लाइफस्टाइल अपनाने का सबसे बड़ा फायदा आर्थिक स्वतंत्रता है. इस पर मेंटल हेल्थ प्लेटफॉर्म की क्लीनिकल साइकोलॉजिस्ट सुष्मिता उपाध्याय कहती है कि बच्चों से जुड़े भारी खर्च- जैसे डेकेयर, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाएं ना होने से ऐसे कपल्स के पास ज्यादा डिस्पोजेबल इनकम होती है. वे इस राशि को यात्रा, शौक या बचत में निवेश कर सकते हैं. इससे जीवन की गुणवत्ता बेहतर होती है और करियर में लचीलापन मिलता है, क्योंकि उन्हें माता-पिता की जिम्मेदारियों को निभाने के साथ-साथ काम का संतुलन बनाने की जरूरत नहीं होती.
इसके अलावा, DINK कपल्स के बीच भावनात्मक संबंध भी गहरे होते हैं. उनके पास एक-दूसरे के लिए ज्यादा समय बिताने का अवसर होता है, जिससे रिश्ता और मजबूत और संतोषजनक बन सकता है. बिना बच्चों की जिम्मेदारियों के, वे ना केवल अपने रिश्ते को विकसित करने में समय लगाते हैं बल्कि व्यक्तिगत विकास पर भी ध्यान केंद्रित कर सकते हैं.
DINK लाइफस्टाइल के संभावित नुकसान
हालांकि, DINK लाइफस्टाइल के कुछ संभावित नकारात्मक पहलू भी हैं. सुष्मिता उपाध्याय बताती हैं कि जैसे-जैसे कपल्स की उम्र बढ़ती है, वे अकेलापन महसूस कर सकते हैं, खासकर जब उनके पास देखभाल करने के लिए बच्चे नहीं होते. भारतीय समाज में, जहां परिवार को सबसे महत्वपूर्ण संरचना माना जाता है, वहां बच्चों का ना होना कई बार एक संस्कृति से जुड़ा खालीपन महसूस करवा सकता है. बुज़ुर्गावस्था में भावनात्मक और शारीरिक सहारे की कमी महसूस हो सकती है.
शहरी भारत में DINK ट्रेंड का बढ़ता प्रभाव
पश्चिमी देशों में DINK लाइफस्टाइल काफी आम हो चुकी है, लेकिन अब ये भारत के शहरी क्षेत्रों में भी तेजी से लोकप्रिय हो रही है. युवा प्रोफेशनल्स करियर और व्यक्तिगत इच्छाओं को पारंपरिक अपेक्षाओं से अधिक महत्व देने लगे हैं. हालांकि, अभी भी कई परिवार और रिश्तेदार इस जीवनशैली को संदेह की नजरों से देखते हैं और ऐसे कपल्स पर सामाजिक दबाव बनाया जाता है.