New Study on Cancer: आज के समय में कैंसर का खतरा काफी ज्यादा बढ़ गया है. कैंसर एक ऐसी बीमारी है जिसका नाम सुनते ही सब डर जाते हैं, ये काफी ज्यादा घातक बीमारी होती है जिससे काफी लोगों को मौत का खतरा रहता है. इसी बीच कैंसर को लेकर नई स्टडी सामने आई है, जोकि काफी हैरान कर देने वाली है.
इस नए अध्ययन से पता चला कि जेनरेशन Z और मिलेनियल्स को 17 तरह के कैंसर का खतरा ज्यादा होता है. जोकि समय पहले पता नहीं चलता, जिससे आगे जाकर इलाज करा पाना मुश्किल होता है.
स्टडी में सामने आया है कि इन 17 तरह के कैंसर में महिलाओं में गैस्ट्रिक कार्डिया, छोटी आंत, एस्ट्रोजन रिसेप्टर पॉजिटिव ब्रेस्ट, ओवरी, लिवर और इंट्राहेपेटिक बाइल डक्ट, नॉन-HPV- असोसिएटिव ओरल और फैरिक्स कैंसर शामिल हैं. वहीं पुरुषों में एनल, कोलन और रेक्टल, यूटेरिन कॉर्पस, गॉल ब्लेडर और अन्य बाइल, किडनी और रीनल पेल्विस, पैनक्रियाज, मायलोमा, नॉन-कार्डिया गैस्ट्रिक, टेस्टिस, ल्यूकेमिया और कपोसी सारकोमा शामिल हैं.
इस अध्यन में यह पता चला है कि 1950 के दशक के अंत की तुलना में 1990 के दशक की शुरुआत में जन्में लोगों में छोटी आंत, किडनी और पैनक्रियाज के कैंसर के मामले दो से तीन गुना ज्यादा थे. साथ ही 50 के दशक में पैदा हुई महिलाओं में मिलेनियल्स की तुलना में लिवर, ओरल और गले के कैंसर का खतरा कम था. हालांकि अगर आप 1950 के दशक में पैदा हुई हैं, तो आपको गर्भाशय कैंसर यानी यूटेरिन कैंसर का खतरा 169% ज्यादा है.
कैंसर से बचने के लिए अर्ली डिटेक्शन और स्क्रीनिंग बहुत जरूरी है. कैंसर को अगर समय पर डिटेक्ट करना है तो बहुत जरूरी है कि समय पर टेस्ट कराए जाएं. सबसे बड़ी चुनौती कैंसर में यह होती है कि ये स्टेज 3 या 4 पर डिटेक्ट होते हैं. बहुत से ऐसे कैंसर हैं, जो अर्ली स्टेज में डिटेक्ट हो जाएं, तो इलाज के जरिए जान बचाई जा सकती है. कई कैंसर प्रिवेंटेबल हैं जैसे- सिर और नेक के कैंसर. इसमें आप कई टेस्ट करा सकते हैं.
First Updated : Saturday, 10 August 2024