Monkey Fever: कर्नाटक में कोरोना के बाद आया मंकी फीवर, जानें कितना खतरनाक है ये बुखार

Monkey Fever: दुनिया को कोरोना वायरस ने हिला कर रख दिया था, न जाने कितने लाखों- करोड़ों लोगों ने अपनी जानें गंवाई थी, लेकिन अब देश के दक्षिणी राज्यों में मंकी फीवर का कहर मच रहा है आखिर क्या है मंकी फीवर आइए जानते हैं

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Monkey Fever: कोरोना के बाद अब देश के दक्षिणी राज्यों में मंकी फीवर की समस्या पिछले एक महीने से बड़ी चिंता का कारण बनी हुई है. जानकारियों के मुताबिक गुरुवार को यहां मंकी फीवर से एक और मौत का मामला सामने आया है स्थानीय लोगों के बीच चिताएं और भी बढ़ गई हैं.

इस बीमारी के मरीज कर्नाटक में लगातार बढ़ते जा रहे हैं. गुरुवार को दो संक्रमित 65 और 35 वर्षीय दोनों महिलाओं की मौत हो गई. यह इस जिले में इस रोग से होने वाली 25वीं मौत है. महिलाओं की हालत बुधवार को काफी गंभीर हो गई थी. जिसके बाद उन्हें तुंरत अस्पताल में ले जाया गया लेकिन इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई.

मंकी फीवर के एक्टिव केस

मंकी फीवर से कर्नाटक सबसे प्रभावित राज्य रहा है. राज्य में इसके फिलहाल 403 एक्टिव केस हैं, अब तक 25 मौतें दर्ज की गई है. राज्य सरकार ने प्रभावी टीकाकरण के लिए भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद के साथ बातचीत की है. स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने कहा, जिस तरह से राज्य में मंकी फीवर के मामले बढ़ते हुए देखे जा रहे हैं. ऐसे में सभी लोगों को इससे बचाव के उपायों के लेकर अलर्ट रहने की आवश्यकता है राज्य में पिछले एक महीने से यह बीमारी चिंता का कारण बनी हुई है. 

क्या है क्यासानूर फॉरेस्ट डिजीज

मंकी फीवर को क्यासानूर फॉरेस्ट डिजीज भी कहा जाता है, जानवरों के इसके इंसानों में संक्रमण फैलने का खतरा हो सकता है. जंगली इलाकों में रहने वाले लोग, जहां पर बंदरों की आबादी अधिक होती है. वहां पर इसके संक्रमण के फैलने का खतरा अधिक हो सकता है. बंदरों के शरीर में पाए जाने वाले टिक्स के काटने से इसके इंसानों में फैलने का खतरा रहता है. लेकिन संक्रमित व्यक्ति से दूसरों में इसके संक्रमण के प्रसार के साक्ष्य नहीं हैं. लेकिन बचाव के लिए सावधानी बरतते रहना चाहिए. First Updated : Friday, 23 February 2024