Mother's day 2023: मां-बेटी होती हैं एक दूसरे की जान, बेटे भी नहीं कर पाते हैं बराबरी
Mother's day 2023: मां और बेटी का रिश्ता बहुत पावन होता है साथ ही वह एक-दूसरे की जान होती हैं और मां बेटी को एक दूसरे की शक्ति भी कहा गया है।मां के लिए दोनों ही बच्चे बराबर होते हैं चाहें वह लड़का हो, या फिर लड़की दोनों को ही मां समान प्रेम करती है
हाइलाइट
- दुनिया में मां और बच्चे का रिश्ता सबसे खूबसूरत माना जाता है। इतना ही नहीं बच्चे के आने से पहले ही मां और बच्चे का रिश्ता बन जाता है।
Mother's day 2023: दुनिया में मां और बच्चे का रिश्ता सबसे खूबसूरत माना जाता है। इतना ही नहीं बच्चे के आने से पहले ही मां और बच्चे का रिश्ता बन जाता है। बच्चे को जन्म देने के बाद शिशु के लिए मां का प्यार बेहद जरूरी होता है।मां के लिए दोनों ही बच्चे बराबर होते हैं चाहें वह लड़का हो, या फिर लड़की दोनों को ही मां समान प्रेम करती है। मां और बच्चे का दुनिया में सबसे मजबूत रिश्ता माना जाता है।
यह रिश्ता इतना मजबूत होता है कि मृत्यु होने से पहले मां अपने बच्चों को प्यार करना नहीं भूलती है। बेटा का जन्म महिला को मां ही नहीं बल्कि एक दोस्त भी बना देता है। जिसके कंधे पर सिर रखकर बेटी रो लेती है और मां के ही साथ वह उन यादों को बुनती है जिन्हें किसी और के साथ बांटा नहीं जा सकता है।
जब बेटी धीरे-धीरे बड़ी होने लगती है, तो मां उससे अपने सुख-दुख की बात करती है साथ ही मां अपनी हर छोटी-बड़ी शिकायत बेटी से कहती है। जैसे-जैसे बेटी बड़ी होती है वैसे-वैसे मां और बेटी के रिश्ते में दूरियां आना शुरू हो जाती हैं।
यदि आपके रिश्ते में भी इस तरह से दूरियां बन रही हैं, तो आज हम आपको कुछ ऐसे सुझाव देने वाले हैं जिन्हें आजमाकर आप भी मां और बेटी का रिश्ता मजबूत कर सकती हैं।
मां की बात पर ध्यान दे
आप ने कई ऐसे लोगों को देखा जो कि दूसरों की बातों पर बिल्कुल पर ध्यान नहीं देते हैं। कई बार मां-बेटी साथ में बातें करने लिए तो बैठते हैं लेकिन एक दूसरे को सुनने की कोशिश नहीं करते हैं।खासकर यदि बेटी फोन में लगी रहती है, तो मां खुद को ही नजरअंदाज कर देती है।
जिसके चलते वह अपने मन की पीड़ा भी नहीं कह पाती हैं। यदि आपके साथ भी इस तरह की कोई भी स्थिति है तो पहले आप अपने फोन को दूर करें साथ ही मां-बेटी एक साथ बैठकर बातें कुछ कहें और कुछ सुनें।
रूठे को मनाना सीखें
जब बेटी बड़ी होने लगती हैं, तो उसमें मां की तरह की गुस्सा आ जाता है कभी –कभी तो ऐसा होता है कि बेटी मां से तेज आवाज में भी बोल जाती है।अक्सर दोनों को एक साथ गुस्सा आने लगता है जिससे बेटी अलग नाराज हो जाती है और मां अलग नाराज हो जाती है।
हर बार मां को ही बेटी को मनाना नहीं चाहिए गलतियां तो अक्सर होती ही रहती हैं ऐसी स्थिति में कभी मां को बेटी मना सकती है और बेटी को मां मना सकती है।
रिश्तों के बारे में करें एक दूसरे से बात
जब हम किसी भी व्यक्ति से अपनी मन की बात करते हैं, तो उससे आशा करते हैं कि वह हमे सही सुझाव दे। इस तरह से मां बेटी का रिश्ता होता है जब मां को किसी भी तरह की कोई भी परेशानी आती हैं तो वह बेटी से अपने मन की बात करती हैं वहीं यदि बेटी परेशान होती हैं, तो वह अपनी मां से मन की बात करके अपना दुख कम करती है।