Norovirus: हाल ही में अमेरिका में नोरोवायरस के मामलों में तेज़ी से बढ़ोतरी देखने को मिल रही है। दिसंबर महीने से इस वायरस के 90 से अधिक मामले सामने आ चुके हैं। यह एक संक्रामक बीमारी है जो व्यक्ति से व्यक्ति में फैल सकती है। नोरोवायरस का असर मुख्य रूप से पेट और आंतों पर पड़ता है और यह गैस्ट्रोएन्टेराइटिस नामक बीमारी का कारण बन सकता है। इस वायरस के संक्रमण के कारण उल्टी, दस्त, पेट में दर्द, सिरदर्द और लगातार थकान जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
नोरोवायरस एक ऐसा वायरस है जो पेट और आंतों को प्रभावित करता है। यह बीमारी दूषित भोजन, पानी या संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से फैलती है। आमतौर पर यह वायरस बहुत तेजी से फैलता है और संक्रमण होने के बाद इसके लक्षण 1 से 2 दिनों के अंदर दिखने लगते हैं। हालांकि यह बीमारी घातक नहीं है, फिर भी इसे हल्के में नहीं लिया जा सकता। अगर समय पर लक्षणों का इलाज न किया जाए तो यह गंभीर हो सकता है, खासकर बुजुर्गों, छोटे बच्चों और गर्भवती महिलाओं के लिए।
महामारी विशेषज्ञ डॉ. जुगल किशोर के अनुसार, नोरोवायरस कोई नई बीमारी नहीं है। यह दशकों से मौजूद है और इसका पहला मामला 1968 में ओहियो के नॉरवॉक में सामने आया था। हालांकि अमेरिका में नोरोवायरस के मामलों में समय-समय पर बढ़ोतरी होती रहती है। दिसंबर से अब तक इस वायरस के 90 से अधिक मामले सामने आ चुके हैं। डॉ. किशोर का कहना है कि यह बीमारी घातक नहीं होती, लेकिन अगर सही समय पर इलाज न किया जाए तो इससे बचाव करना मुश्किल हो सकता है।
नोरोवायरस से बचाव के लिए कुछ महत्वपूर्ण कदम उठाए जा सकते हैं:
हाथों को नियमित रूप से धोएं – हाथ धोना इस वायरस से बचने का सबसे आसान तरीका है। खासकर खाना खाने से पहले और बाथरूम का इस्तेमाल करने के बाद हाथ धोना जरूरी है।
दूषित भोजन और पानी से बचें – किसी भी संदिग्ध या दूषित भोजन और पानी का सेवन न करें।
संक्रमित व्यक्ति से दूरी बनाए रखें – अगर किसी को नोरोवायरस है तो उससे संपर्क में आने से बचें।
लक्षण दिखें तो डॉक्टर से संपर्क करें – अगर पेट में कोई लक्षण दिखाई दें तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें और उचित इलाज लें।
अमेरिका में नोरोवायरस के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं, लेकिन भारत में इसका कोई गंभीर खतरा नहीं है। हालांकि, इसके बावजूद सतर्कता बरतनी चाहिए, खासकर उन जगहों पर जहां स्वच्छता की कमी हो सकती है। सही देखभाल और बचाव के उपायों से हम इस बीमारी से बच सकते हैं। यह एक गंभीर बीमारी नहीं है, लेकिन इसके लक्षणों को नजरअंदाज करना नुकसानदेह हो सकता है। इसलिए अगर कोई भी लक्षण दिखे तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। First Updated : Thursday, 02 January 2025