Panic attack: ज़रा सी टेंशन से आ रहा पैनिक अटैक, जानिए क्या हैं वजह और कैसे करें बचाव?
Panic Attack: जीवनशैली में तेज़ी से हो रहे बदलाव का असर हमारे शरीर के साथ साथ मानसिक स्वास्थ्य पर भी पड़ता है. आजकल देखा जाता है कि लोगों की सहनशक्ति बहुत कमज़ोर होती जा रही है, जिसका असर हमारे स्वास्थ्य पर भी पड़ता है. ज़रा से काम के प्रेशर में ही इंसान पैनिक हो जाता है. जिससे पैनिक अटैक की समस्या सामने आती है.
हाइलाइट
- पैनिक अटैक आमतौर पर कुछ मिनटों तक ही होता है.
Health: पैनिक अटैक आज के दौर की सबसे आम होती समस्या है. जीवनशैली में होते बदलाव का असर हमारे शरीर के साथ साथ मानसिक स्वास्थ्य पर भी पड़ता है. ज़रा से काम के प्रेशर में ही इंसान पैनिक हो जाता है. जिससे पैनिक अटैक की समस्या सामने आती है. ऑफिस का काम हो जिसमें वर्क लोड ज़्यादा हो या किसी से झगडा, मनमुटाव होने पर ज़्यादा सोचते रहना और उसको अपने ऊपर हावी कर लेने से पैनिक अटैक की समस्या हो सकती है. ऐसे में पैनिक अटैक से कैसे बचाव किया जा सकता है, उसी के बारे में आज आपको कुछ उपाए बताएंगे.
सामान्य तौर पर डर लगना एक साधारण सी बात है लेकिन जब पैनिक अटैक आता है तो उसमें व्यक्ति को बहुत ज़्यादा डर और टेंशन होने लगती है. ये अटैक आमतौर पर कुछ ही मिनट के लिए आता है, कुछ देर में ख़ुद ही ठीक हो जाता है. व्यक्ति को पैनिक अटैक मानसिक स्थिति, तनाव, यात्रा या शारीरिक समस्याओं की वजह से भी हो सकता है. कभी कभी ये इतना बढ़ जाता है कि व्यक्ति बेकाबू हो जाता है, उसका ख़ुद पर कोई नियंत्रण नहीं रहता है.
पैनिक अटैक होने पर क्या करना चाहिए?
जब समस्या बढ़ जाती है तो पैनिक अटैक की स्तिथि होने लगती है. सांस लेने में दिक्कत होने लगती है, घुटन महसूस होना ये इस अटैक के लक्षण होते हैं. ऐसे में गहरी सांस लेनी चाहिए, अपनी सांसों पर नियंत्रण बहुत ज़रूरी होता है. इससे पीड़ित व्यक्ति को घबराहट कम होगी.
किसी भरोसेमंद व्यक्ति से बात करें
पैनिक अटैक की समस्या किसी भी कारण से हो सकती है. वह पर्सनल और प्रोफेशनल किसी भी तरह की हो सकती है. इसके लिए पीड़ित को किसी से बात करनी चाहिए, अकेला व्यक्ति समझ नहीं पाता की उसको क्या करना है, इसलिए किसी का साथ होना बहुत ज़रूरी है. बिना किसी से बात किए उसका हल नहीं निकाला जा सकता है.
नोट: किसी भी तरह की समस्या के समाधान के लिए एक बार डॉक्टर से ज़रूर सलाह लेनी चाहिए.