पैरासिटामोल खाने से बढ़ सकता है दिल और किडनी की बीमारियों का खतरा, जानें क्या कहती है स्टडी?
Paracetamol: हाल ही मे हुई एक स्टडी में पाया गया है कि पैरासिटामोल का दीर्घकालिक और बार-बार सेवन 65 वर्ष और उससे अधिक आयु के व्यक्तियों में दिल, किडनी और जठरांत्र से जुड़ी गंभीर बीमारियों का खतरा बढ़ा सकता है. इसके लिए शोधकर्ताओं ने 1,80,483 मरीजों के स्वास्थ्य रिकॉर्ड का विश्लेषण किया, जिन्हें छह महीने के भीतर दो या अधिक बार पैरासिटामोल दिया गया था.
Paracetamol: पैरासिटामोल को सामान्य तौर पर हल्के दर्द और बुखार के इलाज के लिए इस्तेमाल किया जाता है. लेकिन अब ये स्वास्थ्य विशेषज्ञों की चिंता का कारण बन रही है. नॉटिंघम विश्वविद्यालय के एक हालिया अध्ययन में पाया गया है कि इस दवा का दीर्घकालिक और बार-बार सेवन 65 वर्ष और उससे अधिक आयु के व्यक्तियों में दिल, किडनी और जठरांत्र से जुड़ी गंभीर बीमारियों का खतरा बढ़ा सकता है.
शोध में खुलासा हुआ है कि पैरासिटामोल का उपयोग न केवल पाचन तंत्र में अल्सर और रक्तस्राव का जोखिम बढ़ाता है, बल्कि यह क्रोनिक किडनी डिजीज, हृदयाघात और हाई ब्लड प्रेशर जैसी बीमारियों का कारण भी बन सकता है.
ऑस्टियोआर्थराइटिस के लिए फर्स्ट चॉइस
पैरासिटामोल ऑस्टियोआर्थराइटिस के इलाज के लिए पहली पंक्ति की दवा के रूप में सिफारिश की जाती है. यह एक दीर्घकालिक बीमारी है, जो जोड़ों में घिसाव के कारण दर्द और सूजन पैदा करती है. हालांकि, इसके लंबे समय तक उपयोग से होने वाले जोखिमों को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता.
वृद्ध लोगों के लिए प्राथमिक दवा
नॉटिंघम विश्वविद्यालय के प्रमुख शोधकर्ता वेया झांग का कहना है, "इसकी कथित सुरक्षा के कारण पैरासिटामोल को अक्सर वृद्ध लोगों के लिए प्राथमिक दवा के रूप में सिफारिश की जाती है. लेकिन हमारे अध्ययन से पता चलता है कि इसके न्यूनतम दर्द निवारक प्रभाव को देखते हुए इसे सावधानीपूर्वक उपयोग में लाना चाहिए."
कैसे हुआ शोध?
शोधकर्ताओं ने 1,80,483 मरीजों के स्वास्थ्य रिकॉर्ड का विश्लेषण किया, जिन्हें छह महीने के भीतर दो या अधिक बार पैरासिटामोल दिया गया था. इनके परिणामों की तुलना 4,02,478 मरीजों से की गई, जिन्हें पैरासिटामोल का बार-बार सेवन नहीं कराया गया था.
स्टडी के रिजल्ट
स्टडी में पाया गया कि, पेप्टिक अल्सर रक्तस्राव का खतरा 24-36% तक बढ़ा. क्रोनिक किडनी डिजीज का खतरा 19% तक बढ़ सकता है. हृदयाघात का खतरा 9% और उच्च रक्तचाप का खतरा 7% तक बढ़ा.
क्या कहता है पुराना डेटा?
2016 में द लैंसेट जर्नल में प्रकाशित एक अध्ययन में बर्न विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने 1980-2015 के बीच के आंकड़ों का विश्लेषण किया. इस रिपोर्ट में 58,451 मरीज शामिल थे और निष्कर्ष निकला कि घुटने और कूल्हे के ऑस्टियोआर्थराइटिस के मरीजों में पैरासिटामोल दर्द निवारण के लिए बहुत ही सीमित प्रभाव डालता है.
डॉक्टर की सलाह जरूरी
विशेषज्ञों का मानना है कि पैरासिटामोल को लेकर लोगों को जागरूक होना चाहिए और इसके लंबे समय तक उपयोग से पहले डॉक्टर की सलाह लेना जरूरी है. खासकर बुजुर्गों में इसके उपयोग को लेकर सतर्कता बरतने की आवश्यकता है.