PCOS : Ovulation Induction से Pregnant हो, पूरी करें मां बनने की चाह

PCOS पॉलिसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम हैं। इसे इसे पॉलीसिस्टिक ओवरी डिसऑर्डर (PCOD) भी कहा जाता है। पिछले कुछ सालों से यह समस्या महिलाओं में तेजी से बढ़ रही है।

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एक नन्हीं जान को जन्म देना और उसे गोद में खिलाना हर मां का सपना होता है लेकिन PCOS से ग्रस्त कई महिलाएं जानकारी के अभाव में मां बनने की चाह पूरी नहीं कर पातीं। ओवेल्यूशन इंडक्शन तकनीक की मदद से ये महिलाएं भी गर्भवती हो सकती हैं, बस gynaecologist के गाइडेंस और रेल्यूलर ट्रीटमेंट को फॉलो करते जाएं।

दरअसल polycystic ovary syndrome यानी PCOS एक ऐसी परेशानी है, जो pregnancy के लिए जरूरी eggs के बनने और उनके समय से फूटने की प्रक्रिया को प्रभावित करती है। पीसीओएस में अंडाशय यानी ovary में अत्यधिक अंडे होने की वजह से महिला के शरीर में hormonal balance बिगड़ जाता है और उसे conceive करने में परेशानी होती है। समय पर सही इलाज नहीं कराने पर कई बार पीसीओएस डायबिटीज और हार्ट डिजीज जैसे दूसरे health issues का भी कारण बन सकता है।

Teenage से ही 10% महिलाओं को होता है PCOS

चिकित्सकों का मानना है कि करीब 10 फीसदी महिलाएं किशोरावस्था से ही PCOS की समस्या से प्रभावित होती है। आमतौर पर यह समस्या महिलाओं को प्रजनन की उम्र से लेकर रजोनिवृत्ति तक प्रभावित करती है। लक्षणों को देखकर पीसीओएस के बारे में अनुमान लगाया जा सकता है। इसमें महिला के शरीर और चेहरे पर अनचाहे बाल ज्‍यादा आते हैं। Irregular periods होते हैं, weight gain होता है, सिर के बाल पतले होकर झड़ जाते हैं, face skin oily रहती है और फेस पर acne हो जाती हैं। कई बार मूड स्विंग जैसी स्थिति भी बन जाती है।


पीरियड्स नियमित नहीं होने के अलावा ओवरी में न eggs ठीक तरह से बनते और न उनका साइज एवं क्वालिटी बेहतर होते। ऐसे में irregular menstrual cycle के कारण महिला को गर्भधारण करने में परेशानी आती है। पिछले कुछ शोधों में प्राप्त परिणामों के अनुसार पीसीओएस से ग्रस्त महिलाओं में abortion या miscarriage होने के चांसेज भी सामान्य महिलाओं से अधिक होते हैं।


PCOS से पीड़ित हैं, क्या करें?

पीसीओएस से ग्रस्त महिलाओं को सबसे पहले किसी स्त्री रोग विशेषज्ञ से संपर्क कर अपने hormonal profile चेक करानी चाहिए, ताकि पता लगाया जा सके कि किस हार्मोन की कमी या अधिकता के कारण आपको pregnant होने में परेशानी आ रही है। वर्तमान में मेडिकल साइंस में पीसीओएस का कई तरह से उपचार उपलब्ध है।

Ovulation induction तकनीक मां बनने में मददगार

ओवेल्यूशन इंडक्शन तकनीक के माध्यम से pharmacological और non-pharmacological तरीकों से हार्मोर्नों का संतुलन कर पीसीओएस ग्रस्त महिला प्रेग्नेंट हो सकती है। इस प्रक्रिया में healthy routine, balanced diet, exercises आदि की मदद ली जाती है। साथ ही अंडों के सही मात्रा में निर्माण, उनकी क्वालिटी और डवलपमेंट के लिए hormonal therapy भी दी जाती है, ताकि अंडे सही से fertilize हो सकें और महिला कंसीव कर सके। इस दौरान गायनेकोलॉजिस्ट follicular monitoring की प्रक्रिया भी अपनाते हैं। इसमें नियमित अंतराल में कई ultrasound (सोनोग्राफी) कराकर अंडों के mutation और ovulation की प्रक्रिया जांची जाती है। इस दौरान आवश्यकता पड़ने पर दवाएं भी दी जाती हैं।


Diet है इंपोर्टेंट, BMI करें मेंटेन

ओवेल्यूशन इंडक्शन प्रक्रिया के तहत पीसीओएस से निपटने में medication के साथ-साथ आपकी diet और exercise का भी बहुत बड़ा योगदान है। गर्भधारण के लिए आपको अपना body mass index यानी BMI को मेंटेन करना होगा। वजन कम रहे इसलिए सप्ताह में नियमित रूप से जिम एक्सरसाइज, एरोबिक, डांस, योगा या रनिंग-साइकलिंग करनी होगी। तुले-भुने भोजन, junk food, चीनी, मैदा, चावल से दूरी बनानी होगी। मिनरल्स, विटामिन, प्रोटीन, फाइबर और अन्य पोषक तत्व मिल सकें, इसलिए डाइट प्लान में अंडे, सूखे मेवे, हरी पत्तेदार सब्जियां, अनाज, फलों को शामिल करना होगा। अंडों की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए अलसी के बीज व मेथीदाने का पानी, नारियल पानी, ग्रीन टी लाभकारी है। Positive thinking और stress free living से भी आपको PCOS से निपटकर प्रेग्नेंट होने में मदद मिलेगी। First Updated : Tuesday, 04 April 2023