क्या है PET Scan टेस्ट जो कैंसर का जल्द पता लगाने में करता है मदद?
कैंसर जैसी खतरनाक बीमारी का जल्दी पता लगाना और सही इलाज शुरू करना बहुत ज़रूरी होता है. इसी के लिए होता है PET Scan जो शरीर के अंदरूनी बदलावों को पकड़कर बता सकता है कि कहीं कैंसर तो नहीं! लेकिन ये टेस्ट कैसे काम करता है, इसे कब और क्यों करवाना चाहिए और इसकी कीमत कितनी होती है? जानिए पूरी जानकारी इस रिपोर्ट में!

PET Scan: जब भी कैंसर की बात होती है, तो सबसे बड़ा सवाल यही होता है कि इसका सही समय पर पता कैसे लगाया जाए? इसी काम के लिए PET Scan यानी पॉजिट्रॉन एमिशन टोमोग्राफी का इस्तेमाल किया जाता है. यह एक खास मेडिकल टेस्ट है जो शरीर के अंदरूनी हिस्सों को स्कैन करके बताता है कि कहीं कोई असामान्य गतिविधि (जैसे कैंसर की मौजूदगी) तो नहीं हो रही. डॉक्टर इसे खासतौर पर कैंसर की पहचान, स्टेजिंग (कितना फैला है) और इलाज का असर देखने के लिए इस्तेमाल करते हैं.
PET Scan काम कैसे करता है?
PET Scan के दौरान मरीज को रेडियोएक्टिव ट्रेसर दिया जाता है जिसे शरीर में इंजेक्शन के जरिए डाला जाता है. यह ट्रेसर ग्लूकोज (शुगर) के रूप में होता है जिसे शरीर के सेल्स ऊर्जा के रूप में इस्तेमाल करते हैं. चूंकि कैंसर सेल्स सामान्य सेल्स की तुलना में ज्यादा तेजी से बढ़ते हैं और ज्यादा ऊर्जा इस्तेमाल करते हैं, PET Scan में कैंसर प्रभावित क्षेत्र चमकने लगते हैं. इसके बाद डॉक्टर स्कैन की इमेज देखकर कैंसर की स्थिति का पता लगाते हैं.
किस तरह की बीमारियों में होता है इस्तेमाल?
PET Scan सिर्फ कैंसर के लिए ही नहीं बल्कि कई अन्य गंभीर बीमारियों की पहचान के लिए भी किया जाता है. जैसे:
- कैंसर: कैंसर की उपस्थिति, फैलाव और इलाज का असर जानने के लिए.
- हृदय रोग: दिल के टिशूज में ब्लड फ्लो की समस्या का पता लगाने के लिए.
- न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर: अल्ज़ाइमर, पार्किंसंस और अन्य दिमागी बीमारियों की जांच के लिए.
कैंसर के इलाज में PET Scan क्यों अहम?
जल्दी पता लगाना: कैंसर का शुरुआती स्टेज में ही पता चल जाता है.
सटीक स्टेजिंग: यह बताता है कि कैंसर कितना फैला है और कौन से अंग प्रभावित हैं.
इलाज की मॉनिटरिंग: डॉक्टर देख सकते हैं कि दी जा रही थेरेपी काम कर रही है या नहीं.
रिलैप्स का पता लगाना: अगर कैंसर वापस आता है तो इसका भी जल्द पता चल जाता है.
PET Scan के दौरान क्या सावधानियां रखनी चाहिए?
- टेस्ट से कुछ घंटे पहले तक मरीज को खाना नहीं खाना चाहिए.
- डायबिटीज के मरीजों के लिए खास गाइडलाइन्स होती हैं जिन्हें डॉक्टर से पहले ही कंफर्म कर लेना चाहिए.
- गर्भवती महिलाओं को यह टेस्ट कराने से पहले डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए.
PET Scan की कीमत और उपलब्धता
PET Scan की कीमत अस्पताल और लोकेशन के हिसाब से अलग-अलग हो सकती है. आमतौर पर यह टेस्ट 15,000 से 30,000 रुपये के बीच हो सकता है. हालांकि कई सरकारी अस्पतालों और योजनाओं के तहत इसे सस्ते में भी कराया जा सकता है. PET Scan कैंसर और अन्य गंभीर बीमारियों का पता लगाने का एक कारगर तरीका है. यह डॉक्टरों को न सिर्फ बीमारी की पहचान में मदद करता है बल्कि सही इलाज तय करने में भी अहम भूमिका निभाता है. अगर किसी को लंबे समय से असामान्य गांठ, अचानक वजन कम होना या लंबे समय तक कोई लक्षण बना रहना जैसी समस्याएं हो रही हैं तो डॉक्टर से सलाह लेकर इस टेस्ट को करवाना समझदारी होगी.