World COPD Day: इस वर्ष 15 नवंबर को विश्व सीओपीडी दिवस है और इस दिन को जागरूकता के रूप में मनाया जाता है. धुएं में मौजूद हानिकारक रसायन फेफड़ों को नुकसान पहुंचाते हैं. अगर समय पर इसका पता चल जाए तो इसका इलाज दवा से ही किया जा सकता है. डॉक्टरों के मुताबिक, जागरूकता से ही क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (सीओपीडी) का इलाज संभव है.
क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (सीओपीडी) का अर्थ है लंबे समय तक फेफड़ों की समस्याओं के कारण सांस लेने में कठिनाई का होना. इस साल 15 नवंबर यानी आज विश्व सीओपीडी दिवस है और इस दिन को जागरूकता के तौर पर मनाया जाएगा. इस बीमारी का कोई इलाज नहीं है और जागरूकता और समय पर समस्या का पता चलने से ही मरीज का इलाज संभव हो सकता है.
फेफड़े हो जाते हैं खराब
इस बीमारी में फेफड़ों से जुड़ी परेशानियां लगातार बढ़ती रहती हैं. डॉक्टरों के मुताबिक, जागरूकता से ही इसका इलाज संभव है. क्योंकि अगर अस्थमा जैसी बीमारी बिगड़ जाए या अनियंत्रित हो जाए तो यह सीओपीडी में बदल जाती है. इस बीमारी के दौरान फेफड़े बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो जाते हैं और मरीज को सांस लेने में गंभीर दिक्कत होने लगती है. इस बीमारी से पीड़ित अधिकांश लोग वे हैं जो अत्यधिक धूम्रपान करते हैं या धूम्रपान के संपर्क में रहते हैं.
दिल्ली के ऑटो चालकों में बढ़ रही ये बीमारी
ये अध्ययन पूर्वी दिल्ली के 409 ऑटो चालकों पर किया गया है. उनकी औसत उम्र 43 साल थी. अध्ययन में पाया गया कि 13.7 प्रतिशत ऑटो चालक सीओपीडी से पीड़ित पाए गए.
95 मास्क से हो सकता है बचाव
अध्ययन में पाया गया कि केवल 7.3 प्रतिशत ऑटो चालक वायु प्रदूषण से खुद को बचाने के लिए मास्क का उपयोग करते हैं. इसमें भी ज्यादातर लोग कपड़े के मास्क का इस्तेमाल करते हैं, जो प्रदूषण से ज्यादा सुरक्षा नहीं देते. प्रदूषण से बचाव के लिए N95 मास्क का इस्तेमाल करना चाहिए. First Updated : Wednesday, 15 November 2023