Raksha Bandhan 2023 : 30 अगस्त 2023 को भाई-बहन के अटूट प्रेम का त्योहार रक्षाबंधन मनाया जाएगा. ये भाई-बहन को स्नेह की डोर से बांधने वाला त्योहार है. रक्षाबंधन के नाम से ही स्पष्ट है कि रक्षा सूत्र में बंधा बंधन. इस दिन बहनें अपने भाई की कलाई पर राखी बांधती हैं. इस राक्षी के बदल भाई उनकी रक्षा करने, सुख दुख में साथ देना और हर परेशानी में मदद करने का वचन देता है.
लेकिन बदलते दौर में रक्षा का मतलब, बहन पर प्रतिबंध लगाना, उन्हें बता बात पर टोंकना, घर से बाहर जाने से मना कर देना ही नहीं होता है. बल्कि राखी का फर्ज निभाते हुए बहन की रक्षा के लिए उन्हें आत्मनिर्भर बनाने पर भी जोर देने की जरूरत है. ताकि दोनों के बीच का रिश्ता और भी मजबूत बन सकें और भाई की गैरमौजूदगी में भी आपकी बहन सुरक्षित रह सकें. क्योंकि बहन की रक्षा के लिए आप हर समय उनके पास मौजूद नहीं रह सकते हैं.
लड़कियों को आत्मरक्षा के गुण आने चाहिए. क्योंकि हर समय आपका भाई आपके साथ नहीं रह सकता है. स्कूल—कॉलेज, ऑफिस से आते जाते समय और शादी के बाद बहनें अपने भाई से दूर हो जाती है. ऐसे में बहनों को स्वयं की रक्षा करनी आनी चाहिए. इसके लिए भाई का फर्ज बनता है कि उन्हें आत्मरक्षा के बारे में सिखाएं. बहनों का दाखिला कराटे, बॉक्सिंग क्लास में कराएं. ताकि किसी अनजान खतरे से वो खुद का बचाव कर सकें.
लड़कियां बाहर जानें, छोटी-छोटी बातों से डर जानें और दूसरों के सामने खुलकर अपनी बातें रखने से घबराती है. कई बार तो भाई से भी अपनी परेशानी खुलकर साझा नहीं कर पाती है. क्योंकि उनमें आत्मविश्वास की कमी होती है. बहन को शरीरिक रूप से मजबूत बनाने के साथ ही मानसिक तौर पर भी मजबूत बनाने की जरूरत है. भाई को अपनी बहन का आत्मविश्वास बढ़ाते रहना चाहिए. भाई नहीं एक दोस्त बनकर उसकी हर परेशानी में उनका साथ दें. उन्हें बाहर जाने दें, बाहर के लोगों से मिलने जुलने दे. इसके बाद उनमें आत्मविश्वास की कोई कमी नहीं होगी.
शादी से पहले लड़कियों के जीवन से जुड़े ज्यादातर फैसले पिता या भाई ही लेते है. जैसे उन्हें कहां पढ़ता है, क्या पढ़ना है, नौकरी करनी है या नहीं, उनकी शादी तक में भी माता-पिता के बाद भाई का फैसला होता है. भाई को रक्षा का वचन देने के साथ ही बहन के अधिकारों की रक्षा करने का भी वचन देना चाहिए. ताकि बहन अपने जीवन से जुड़े फैसले वो खुद ही ले सकें. उनके गलत फैसलों में उन्हें प्यार से समझाए और सही फैसले में उनका का साथ देना चाहिए.
बदलते दौर और बढ़ते अपराधों की वजह से हर भाई को अपनी बहन की चिंता होती है. इस वजह से बहन को बचाने के लिए भाई अक्सर उन्हें रोकते टोकते रहते हैं. जैसे बाहर नहीं जा सकती, लेट क्यों हो गई, इस तरह के कपड़े नहीं पहन सकती, ऐसा कर आप उनकी रक्षा नहीं करते बल्कि उन्हें कैद कर रहे हैं. इस तरह की सोच से बाहर निकलने की जरूरत है. रक्षा के लिए बहन पर प्रतिबंध लगाना गलत है.
हर भाई का फर्ज बनता है कि वो अपनी बहन को आत्मनिर्भर बनाने में मदद करें. पिता, भाई पर निर्भर रहने के बजाए बहन को खुद के पैरों पर खड़े होने की सीख दें. इससे उसे आगे चलकर उसे दिक्कतों को सामना नहीं करना पड़ेगा. उसे किसी पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा. उसकी पढ़ाई में उसका सहयोग करें. First Updated : Friday, 25 August 2023