Love Marriage Tips: लव मैरिज में अक्सर लड़कियां शिकायत करती हैं कि शादी के बाद उनके पति पहले जैसे इमोशनल नहीं रहते. शादी से पहले जो लड़के बेहद इमोशनल होते हैं, शादी के बाद अधिक प्रैक्टिकल हो जाते हैं. आखिर ऐसा बदलाव क्यों आता है? आइए जानते हैं इसके पीछे की वजहें.
शादी से पहले क्यों होते हैं इमोशनल?
आपको बता दें कि शादी से पहले लड़के अपने पार्टनर को इंप्रेस करने के लिए जादा से जादा इमोशनल व्यवहार करते हैं. वो अपने साथी को खुश करने के लिए हर संभव प्रयास करते हैं और उनके हर इमोशन को समझने की कोशिश करते हैं. इस दौरान उनका पूरा ध्यान रिश्ते को मजबूत बनाने पर होता है, जिससे वो अपने इमोशंस को खुलकर जाहिर करते हैं.
शादी के बाद क्यों होते हैं प्रैक्टिकल?
वहीं आपको बता दें कि शादी के बाद जिंदगी में कई नई जिम्मेदारियां जुड़ जाती हैं, जिससे लड़कों का व्यवहार अधिक प्रैक्टिकल हो जाता है. इसकी मुख्य वजहें हैं:-
1. जिम्मेदारियों का बढ़ना:
शादी के बाद घर की आर्थिक स्थिति को सुधारने और सुरक्षित भविष्य बनाने का दबाव बढ़ जाता है. लड़के इमोशंस को साइड में रखकर प्रैक्टिकल निर्णय लेने लगते हैं.
2. सामाजिक अपेक्षाएं:
समाज में पुरुषों को मजबूत और प्रैक्टिकल माना जाता है. यह सोच लड़कों को अपने इमोशंस को छिपाने और प्रैक्टिकल बनने के लिए प्रेरित करती है.
3. रूटीन लाइफ का असर:
शादी के बाद रिश्ते धीरे-धीरे रूटीन लाइफ में बदल जाते हैं. काम, घर और अन्य जिम्मेदारियों के बीच इमोशनल कनेक्ट कम होने लगता है.
4. पार्टनर की उम्मीदें:
शादी के बाद महिलाएं एक सुरक्षित और स्थिर जीवन की उम्मीद करती हैं. इस उम्मीद को पूरा करने के लिए लड़कों का फोकस करियर और भविष्य की सुरक्षा पर अधिक हो जाता है.
क्या यह बदलाव गलत है?
आपको बता दें कि यह बदलाव स्वाभाविक है और जरूरी भी. जीवन के हर फेज में प्राथमिकताएं बदलती हैं. हालांकि, इमोशनल और प्रैक्टिकल के बीच बैलेंस बनाए रखना रिश्ते को मजबूत और खुशहाल बनाता है.
कैसे बनाए रखें संतुलन?
इसके अलावा आपको बता दें कि शादी के बाद लड़कों का प्रैक्टिकल होना सामान्य प्रक्रिया है. लेकिन, एक खुशहाल और मजबूत रिश्ते के लिए इमोशनल बॉन्ड बनाए रखना भी उतना ही जरूरी है. First Updated : Friday, 10 January 2025