'रूस का कैंसर वैक्सीन: क्या अब कीमोथेरेपी होगी पुरानी बात?'
रूस ने कैंसर के इलाज के लिए एक नई mRNA वैक्सीन का दावा किया है, जो ट्यूमर के विकास को रोकने में मदद करेगी. अगले साल से इसे रूस के नागरिकों को मुफ्त में दिया जाएगा. डॉक्टरों का मानना है कि यह वैक्सीन अगर सफल रही, तो कीमोथेरेपी की जरूरत नहीं पड़ेगी. क्या यह वैक्सीन कैंसर के इलाज में सचमुच क्रांति ला सकती है? जानें पूरी जानकारी इस खबर में.
रूस का कैंसर वैक्सीन का दावा: क्या यह इलाज से ज्यादा मददगार साबित होगा?
कैंसर, जो एक जानलेवा बीमारी है, अब उसे लेकर दुनिया में एक नई उम्मीद जागी है. रूस ने हाल ही में दावा किया कि उसने कैंसर के इलाज के लिए एक नई वैक्सीन बनाई है, जिसे अगले साल से रूस के लोगों को निशुल्क दिया जाएगा. इस वैक्सीनेशन की सफलता अगर साबित होती है, तो यह चिकित्सा जगत में एक बड़ी क्रांति ला सकती है. आइए जानते हैं इस वैक्सीनेशन की खासियत और क्या यह कीमोथेरेपी की जगह ले पाएगी?
रूस ने बनाई कैंसर की mRNA वैक्सीन
रूस के स्वास्थ्य मंत्रालय के रेडियोलॉजी मेडिकल रिसर्च सेंटर के डायरेक्टर आंद्रेई कप्रीन ने हाल ही में एक रेडियो इंटरव्यू में कहा कि उनकी टीम ने mRNA तकनीक पर आधारित एक कैंसर वैक्सीन विकसित की है, जो कैंसर ट्यूमर के विकास को रोकने में मदद करेगी.
वैक्सीनेशन के परिणाम
रूस के द्वारा किए गए ट्रायल से पता चला है कि यह वैक्सीन कैंसर ट्यूमर के विकास को रोकने में मदद करती है. अगले साल से यह वैक्सीन रूस में मुफ्त में दी जाएगी, जिससे कैंसर के खिलाफ एक नई लड़ाई शुरू हो सकती है.
क्या अब कीमोथेरेपी की जरूरत नहीं पड़ेगी?
भारत के नामी सर्जिकल ऑन्कोलॉजिस्ट डॉ. के अनुसार, अगर यह वैक्सीन सफल रही, तो इसकी मदद से कीमोथेरेपी जैसी दर्दनाक प्रक्रिया से बचा जा सकता है. अगर यह वैक्सीन पूरी तरह प्रभावी होती है, तो यह कैंसर के इलाज में एक नई दिशा हो सकती है.
वैक्सीन का काम कैसे होगा?
डॉ. के अनुसार यह वैक्सीन शरीर में प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करेगी, जिससे शरीर कैंसर से खुद ही लड़ सकेगा. यूरोप और अमेरिका में भी इसी तरह की वैक्सीनेशन पर शोध चल रहा है और अगर यह सफल रही तो यह इलाज के लिए एक महत्वपूर्ण उपकरण साबित हो सकती है.
भारत में भी बढ़ रहे कैंसर के मामले
भारत में कैंसर के मामले लगातार बढ़ रहे हैं. आईसीएमआर के मुताबिक, अगले 5 सालों में भारत में कैंसर के मरीजों की संख्या 12% तक बढ़ने की संभावना है. यदि भारत में भी ऐसी वैक्सीन विकसित हो सके तो इससे लाखों लोगों को मदद मिल सकती है.
भारत में कैंसर की वैक्सीनेशन पर शोध
भारत में, अगर स्वास्थ्य बजट और शोध पर खर्च बढ़े, तो यहां भी ऐसी वैक्सीन विकसित की जा सकती है, जो न केवल भारत में, बल्कि पूरे एशिया में कैंसर से लड़ाई को मजबूती दे सके. कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी के इलाज में अगर रूस की वैक्सीन सफल रहती है, तो यह मेडिकल दुनिया में एक बहुत बड़ी उपलब्धि होगी. यह न केवल कैंसर से बचाव करेगा, बल्कि लोगों को कीमोथेरेपी जैसे दर्दनाक इलाज से भी राहत दिलाएगा. अब यह देखना बाकी है कि आने वाले वक्त में यह वैक्सीन कैसे परिणाम देती है.