Fatty Liver: हमारे शरीर का एक अहम अंग है, जो शरीर से जुड़े कई सारे कार्य करता है. लिवर डाइजेशन से लेकर ब्लड को फिल्टर करने तक में काफी मदद करता है. ऐसे में हेल्दी रहने के लिए जरूरी है कि लिवर की सेहत का भी ख्याल रखा जाए. हालांकि, बदलती लाइफस्टाइल और खानपान की गलत आदतें अक्सर लिवर से जुड़ी समस्याओं का कारण बनने लगती हैं. Fatty Liver इन्हीं समस्याओं में से एक है, जिससे इन दिनों कई लोग परेशान हैं.
इस कंडीशन को हेपेटिक स्टीटोसिस भी कहा जाता है, जो लिवर सेल्स में फैट के जमा होने वाली एक स्थिति है. इस स्थिति के कारण लिवर में सूजन और डैमेज होने लगता है. ऐसे में समय रहते कुछ संकेतों की मदद से इसकी पहचान कर सकते हैं. जानते हैं फैटी लिवर के कुछ सामान्य संकेत.
बिना किसी वजह कमजोरी होना भी खराब लिवर फंक्शनिंग का संकेत हो सकता है. पोषक तत्वों को प्रोसेस करने और शरीर को डिटॉक्सीफाई करने में लिवर की भूमिका इसे एनर्जी लेवल के लिए महत्वपूर्ण बनाती है.
फैटी लिवर के बढ़ने पर खून में बिलीरुबिन- एक पीला पिगमेंट जमा होने लगता है, जिसके कारण त्वचा और आंखों का सफेद भाग पीला हो सकता है. पीलिया फैटी लिवर डिजीज सहित लिवर डिसफंक्शन का भी एक क्लासिक लक्षण हो सकता है.
अगर आपको अचानक भूख कम लगने लगी है, तो यह फैटी लिवर का संकेत हो सकता है. खाने के प्रति यह अरुचि मेटाबॉलिज्म में बदलाव और लिवर डिसफंक्शन से जुड़े हार्मोनल असंतुलन के कारण हो सकती है.
पर्याप्त आराम के बाद भी अगर आपको लगातार थकान या थकावट महसूस हो रही है, तो यह फैटी लिवर डिजीज की शुरुआत का संकेत हो सकता है. इस थकान को पोषक तत्वों के मेटाबॉलिज्म और एनर्जी प्रोडक्शन में लिवर की खराब फंक्शनिंग के लिए जिम्मेदार ठहराया जा सकता है.
वजन में बदलाव, खासकर बिना वजह होने वाली वजन में कमी या बढ़ोतरी, फैटी लिवर डिजीज का संकेत हो सकता है. लिवर डिसफंक्शन के कारण होने वाली मेटाबॉलिज्म संबंधी गड़बड़ी से शरीर के वजन में उतार-चढ़ाव हो सकता है. First Updated : Saturday, 12 October 2024