Tea and Cigarettes: रोजाना चाय के साथ सिगरेट पीने की आदत कई लोगों की दिनचर्या का हिस्सा बन चुकी है. इसे अक्सर रिलैक्सेशन और इंस्टेंट एनर्जी पाने का जरिया माना जाता है. लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि इस आदत का आपके पाचन तंत्र और सेहत पर क्या असर पड़ सकता है? विशेषज्ञों के मुताबिक, चाय में मौजूद कैफीन और सिगरेट में निकोटीन का संयोजन लंबे समय में पाचन तंत्र को गंभीर रूप से नुकसान पहुंचा सकता है.
चाय और सिगरेट का अत्यधिक सेवन न केवल कब्ज जैसी पाचन संबंधी समस्याओं का कारण बनता है, बल्कि यह आंतों के स्वास्थ्य को भी प्रभावित करता है. अगर आप भी इस आदत के शिकार हैं, तो इसके असर और इससे बचने के उपायों को जानना आपके लिए बेहद जरूरी है.
चाय में मौजूद कैफीन एक ऐसा टॉनिक है, जो सही मात्रा में सेवन करने पर पाचन प्रक्रिया को बेहतर बना सकता है. यह आंतों में संकुचन बढ़ाकर मल त्याग को आसान बनाता है. लेकिन अत्यधिक चाय पीने से शरीर में पानी की कमी हो जाती है, जिससे मल सख्त हो सकता है और कब्ज की समस्या बढ़ सकती है. कैफीन निर्जलीकरण का कारण बनता है, जिससे मल त्याग की प्रक्रिया धीमी हो जाती है. साथ ही, चाय में अक्सर दूध होता है, जो लैक्टोज असहिष्णु व्यक्तियों में सूजन और कब्ज जैसी समस्याएं पैदा कर सकता है.
सिगरेट में मौजूद निकोटीन तंत्रिका तंत्र को उत्तेजित करता है और आंतों की गतिविधियों को अस्थायी रूप से तेज कर सकता है. लेकिन लगातार धूम्रपान करने से आंतों के माइक्रोबायोटा का संतुलन बिगड़ जाता है, जो स्वस्थ पाचन के लिए आवश्यक है. इसके अलावा, निकोटीन आंतों में रक्त प्रवाह को कम करता है, जिससे आंतें सही तरीके से काम नहीं कर पातीं. समय के साथ, धूम्रपान के कारण रक्त प्रवाह में कमी और पुरानी सूजन आंतों की परत को नुकसान पहुंचा सकती है. इससे कब्ज, IBS (इरिटेबल बाउल सिंड्रोम) और IBD (इंफ्लेमेटरी बाउल डिजीज) जैसी गंभीर बीमारियों का खतरा बढ़ सकता है.
चाय का सेवन कम करें: कैफीनयुक्त चाय की जगह हर्बल चाय का सेवन करें. पुदीना या अदरक युक्त चाय बेहतर विकल्प हो सकती है.
हाइड्रेटेड रहें: दिनभर पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं. रोजाना कम से कम 8-10 गिलास पानी पीने से कैफीन के दुष्प्रभावों को कम किया जा सकता है.
धूम्रपान छोड़ें: धूम्रपान को कम या पूरी तरह खत्म करने से आपके आंतों के स्वास्थ्य में सुधार होगा.
फाइबर युक्त आहार लें: डाइट में फलों, सब्जियों और साबुत अनाज की मात्रा बढ़ाएं. फाइबर मल त्याग में सहायक होता है और कब्ज को रोकता है.