Bank Locker Rules: नोएडा के सेक्टर 51 में स्थित सिटीजन कोऑपरेटिव बैंक के एक ग्राहक को बड़ा झटका लगा, जब उसने तीन महीने बाद अपना बैंक लॉकर खोला और पाया कि उसमें रखे 5 लाख रुपये दीमक खा चुकी थी. ग्राहक ने बैंक मैनेजर से शिकायत कर मुआवजे की मांग की, लेकिन बैंक ने नियमों का हवाला देते हुए भुगतान करने से मना कर दिया.
यह मामला एक बड़ा सवाल खड़ा करता है—क्या बैंक लॉकर में रखे सामान की सुरक्षा की जिम्मेदारी बैंक की है? और अगर ग्राहक बैंक को किराया देता है, तो नुकसान की स्थिति में बैंक की जवाबदेही क्या है? इस रिपोर्ट में हम RBI की गाइडलाइंस और बैंक लॉकर से जुड़े अहम नियमों पर चर्चा करेंगे.
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने 1 जनवरी 2022 से बैंक लॉकरों के लिए नई गाइडलाइंस जारी की हैं. इन नियमों के तहत अगर बैंक लॉकर में चोरी, आगजनी, बिल्डिंग ढहने या बैंक कर्मचारियों की धोखाधड़ी के कारण नुकसान होता है, तो बैंक को मुआवजा देना होगा. यह मुआवजा लॉकर के वार्षिक किराए से 100 गुना तक हो सकता है.
RBI की गाइडलाइंस के अनुसार, बैंक लॉकर में नकदी या करेंसी रखना प्रतिबंधित है. ऐसे में, अगर लॉकर में रखे नोट दीमक खा जाते हैं या किसी अन्य कारण से खराब हो जाते हैं, तो बैंक जिम्मेदार नहीं होगा. यह ग्राहक द्वारा नियमों का उल्लंघन माना जाएगा.
बैंक और ग्राहक के बीच एक एग्रीमेंट साइन होता है, जिसमें यह स्पष्ट किया जाता है कि लॉकर में क्या-क्या रखा जा सकता है. आमतौर पर, ज्वेलरी, प्रॉपर्टी के दस्तावेज और अन्य महत्वपूर्ण कागजात लॉकर में रखने की अनुमति होती है. नकदी और प्रतिबंधित वस्तुएं रखने की मनाही है.
अगर बैंक की लापरवाही के कारण लॉकर में रखा सामान चोरी होता है, आग लगती है, या बिल्डिंग गिर जाती है, तो बैंक मुआवजा देगा. लेकिन प्राकृतिक आपदाओं जैसे बाढ़, भूकंप या बिजली गिरने की स्थिति में बैंक जिम्मेदार नहीं होगा.
अगर बैंक लॉकर में रखे दस्तावेजों को दीमक खा जाए, तो यह बैंक की लापरवाही मानी जाएगी. ग्राहक इस स्थिति में मुआवजे का दावा कर सकता है.
अगर लॉकर की चाबी खो जाती है, तो ग्राहक को तुरंत बैंक और पुलिस को सूचित करना होगा. चाबी बदलवाने के लिए ग्राहक को बैंक में आवेदन देना होगा और फीस जमा करनी होगी. First Updated : Wednesday, 18 December 2024