Rakshabandhan 2023: इस मुगल सम्राट से जुड़ा है रक्षाबंधन का इतिहास, प्रचलित है ऐतिहासिक कहानी
Rakshabandhan 2023: रक्षाबंधन को मनाने के पीछे कई सारी कहानियां प्रचलित हैं, आज आपको बताएंगे इस मुगल सम्राट के रक्षाबंधन से जुड़े इतिहास के बारे में.
हाइलाइट
- सम्राट हुमायूं से जुड़ी है रक्षाबंधन की कहानी
- रानी कर्णावती ने मुगल सम्राट हुमायूं को भेजी थी राखी
Raksha Bandhan History: रक्षाबंधन को लेकर अक्सर उसका इतिहास खोजते हैं. लोगों में ये जानने की इच्छा रहती है कि आखिर ये त्योहार कैसे शुरू हुआ? रक्षाबंधन के त्योहार को मनाए जाने के पीछे कई कहानियां प्रचलित हैं. एक कहानी आज हम आपके लिए लेकर आएं हैं जो मुगल सम्राट की है. एक ऐसा मुगल सम्राट था जिससे रक्षाबंधन का इतिहास जुड़ा है.
सम्राट हुमायूं से जुड़ी है कहानी
हिंदू धर्म के बहुत ही प्रमुख और पवित्र त्योहार रक्षाबंधन का इतिहास मुगल शासक से जुड़ा है. रक्षाबंधन को लेकर इत्हास का एक पन्ना मुगल सम्राट हुमायूं से भी जुड़ा है. रानी कर्णावती और मुगल सम्राट हुमायूं की एक कहानी है जो रक्षाबंधन से जुड़ी है. माना जाता है कि हुमायूं को रानी कर्णावती ने जब राखी भेजी थी तभी से इस त्योहार को मनाया जाता है.
विधवा रानी ने हुमायूं को भेजी थी राखी
रानी कर्णावती ने हुमायूं को अपनी रक्षा के लिए एक राखी भेजी थी. रानी कर्णावती के ऊपर जब परेशानी आई थी तब उन्होने हुमायूं को अपना बाई बनाकर मदद की गुहार लगाई थी. दरअसल, राणा संग्राम सिंह उर्फ राणा सांगा की विधवा रानी कर्णावती ने हुमायूं को तब राखी भेजी थी जब गुजरात के बादशाह बहादुर शाह ने चित्तौड़ पर हमला किया था, उस समय रानी का बेटा चित्तौड़ की गद्दी पर बैठा था. उस समय उनके पास उतनी फौज नहीं थी कि वो रियासत की हिपाज़त कर पाएं. इसलिए रानी ने मदद की उम्मीद से हुमायूं को राखी भेजी, जिसके बाद सम्राट ने उनकी मदद की थी.
रानी की मौत का लिया था बदला
रानी कर्णावती ने जब हुमायूं से मदद की गुहार लगाई थी, तभी हुमायूं अपनी फौज के साथ मदद के लिए निकल पड़े थे. लेकिन फा,ला जड्यादा होने की वजह से वो समय पर नहीं पहुंच पाए, उनके पहुंचने से पहले ही रानी ने जौहर कर लिया था. जिसके बाद बहादुर शाह ने उनकी रियासत पर क़ब्ज़ा कर लिया. हुमायूं को जब इसका पता चला तो उन्होने रानी का बदला लेने के लिए चित्तौड़ पर हमला कर किया. इस जंग में हुमायूं की जीत हुई थी. सम्राट ने रानी के बेटे को फिर से उनकी रियासत वापस दिलाई. तबी से भाई बहन के रिश्ते की ये कहानी इतिहास में दर्ज हो गई.