लाल लिपस्टिक के पीछे छिपा है हजारों कीड़ों का सच – क्या आप भी कर रही हैं नॉन-वेज मेकअप?
जो लिपस्टिक आप रोज़ लगाती हैं, वो क्या सच में शाकाहारी है? हो सकता है उसमें हजारों कीड़े मरे हों! खासकर लाल रंग वाली लिपस्टिक को लेकर खुला है चौंकाने वाला सच... जानिए कहीं आप अनजाने में नॉन-वेज तो नहीं इस्तेमाल कर रहीं!

Lifestyle: लड़कियों के मेकअप का सबसे जरूरी हिस्सा होती है लिपस्टिक. लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि जो लिपस्टिक आप रोज़ इस्तेमाल करती हैं, वो वाकई शाकाहारी है या नहीं? अगर आप वेजिटेरियन हैं या त्योहारों के दौरान नॉन-वेज से दूर रहती हैं, तो ये खबर आपके लिए है. क्योंकि सच ये है कि कई लिपस्टिक्स में ऐसा रंग इस्तेमाल होता है, जो जानवरों से आता है – और खासतौर पर कीड़ों से!
लाल रंग की चमक के पीछे की सच्चाई
लिपस्टिक में इस्तेमाल होने वाला गहरा और चमकीला लाल रंग, जिसे ‘कारमाइन’ (Carmine) कहा जाता है, असल में एक खास कीड़े से बनाया जाता है. इस कीड़े का नाम है Cochineal – जो मेक्सिको और मध्य अमेरिका में पाया जाता है. इसे सुखाकर, पीसकर और प्रोसेस करके लाल रंग निकाला जाता है, जो कई कॉस्मेटिक प्रोडक्ट्स में इस्तेमाल होता है.
70,000 कीड़ों की 'कुर्बानी' से बनता है एक पाउंड रंग!
चौंकाने वाली बात ये है कि सिर्फ एक पाउंड (लगभग 450 ग्राम) कारमाइन रंग तैयार करने के लिए करीब 70,000 कीड़ों को मारा जाता है. और यही रंग लिपस्टिक, ब्लश, आई शैडो, कैंडी, जेली, ड्रिंक्स और यहां तक कि कपड़े तक में इस्तेमाल किया जाता है.
कैसे पहचानें आपकी लिपस्टिक वेज है या नहीं?
अगर आप जानना चाहते हैं कि आपकी लिपस्टिक में कारमाइन है या नहीं, तो इंग्रेडिएंट लिस्ट में ये नाम देखें:
अगर आपकी लिपस्टिक के इंग्रेडिएंट्स में Carmine, Crimson Lake, Natural Red 4 या CI 75470 जैसे नाम दिखें, तो समझ लें कि उसमें नॉन-वेज तत्व मौजूद हो सकते हैं.
क्यों इस्तेमाल होता है कारमाइन?
कारमाइन एक नेचुरल पिगमेंट माना जाता है, जो स्किन के प्रोटीन के साथ अच्छी तरह रिएक्ट करता है. इससे रंग गहरा और लंबे समय तक टिकाऊ बनता है. यही वजह है कि कई कंपनियां इसे ‘प्राकृतिक रंग’ बताकर प्रमोट करती हैं. लेकिन ये जानना जरूरी है कि ये पूरी तरह वेजिटेरियन नहीं है.
क्या हैं विकल्प? वीगन और प्लांट-बेस्ड लिपस्टिक
आजकल कई ब्रांड ऐसे हैं जो कारमाइन की जगह सिंथेटिक या प्लांट-बेस्ड रंगों का इस्तेमाल करते हैं – जैसे चुकंदर (Beetroot), हल्दी, या फूलों से बने पिगमेंट. साथ ही, अन्य नॉन-वेज इंग्रेडिएंट्स जैसे Lanolin (भेड़ की ऊन से), Beeswax (मधुमक्खी के मोम से), और Gelatin (जानवरों की हड्डियों से) भी ध्यान देने लायक हैं. तो अगली बार लिपस्टिक खरीदने से पहले ज़रूर चेक करें कि उसमें क्या-क्या डाला गया है.


