बच्चों के जीवन को बर्बाद कर देती है घर में बड़ों की हठ, कभी भी बच्चों पर न थोपे अपनी सोच
कभी-कभी ऐसा होता है कि आपकी पसंद बच्चों को स्वीकार नहीं होती। फिर वे एक ही सौदा करके अपना जीवन जीने को मजबूर हो जाते हैं। जिसके कारण उनका भावी जीवन बर्बाद हो जाता है। इसलिए, बच्चों के लक्ष्यों और रुचियों को प्राप्त करने के लिए घर के बुजुर्गों को समर्थन और स्वतंत्रता प्रदान करना महत्वपूर्ण है।

परिवार में बड़ों की जिद का बच्चों के जीवन पर बहुत बुरा असर पड़ सकता है। परिवार में कुछ वयस्क बचपन से ही अपनी जिद बच्चों पर थोपना शुरू कर देते हैं। ऐसा करके वे बच्चों के लिए समस्याएँ पैदा करते हैं। आप अपने बच्चों पर अपनी जिद थोपकर उन्हें कभी भी बेहतर इंसान नहीं बना सकते। बल्कि, ऐसा करने से बच्चे और अधिक विद्रोही बन जाते हैं। इसलिए हमेशा याद रखें कि आपको बच्चों का सिर्फ मार्गदर्शन करना चाहिए, अपनी सोच उन पर नहीं थोपनी चाहिए। ऐसा करके आप अपने बच्चों को डिप्रेशन (हानिकारक पेरेंटिंग व्यवहार) में भी डाल सकते हैं।
1. पढ़ाई को लेकर कभी जिद्दी न बनें: परिवार के बड़े-बुजुर्ग अक्सर बच्चों पर पढ़ाई को लेकर अपनी मांगें थोपते हैं, जैसे कि उन्हें कोई खास विषय चुनने के लिए मजबूर करना। इससे बच्चों की रुचियां और प्रतिभाएं दब सकती हैं (बाल कल्याण के लिए सुझाव) और उन्हें अपने लक्ष्य प्राप्त करने में कठिनाई का सामना करना पड़ सकता है। कभी-कभी कोई बच्चा 12वीं कक्षा में कॉमर्स पढ़ना चाहता है, लेकिन उसका परिवार उस पर मेडिकल पढ़ने का दबाव डालता है। ऐसा करके वे अपने बच्चों का करियर भी बर्बाद कर देते हैं।
2. करियर को लेकर तनाव न लें: परिवार में बड़े-बुजुर्ग अक्सर अपने बच्चों पर करियर चुनने के लिए दबाव डालते हैं। कभी-कभी यह आवश्यक नहीं होता कि बच्चे मेडिकल स्कूल पूरा करने के बाद डॉक्टर ही बनें। कई बच्चे आईएएस की कोचिंग या तैयारी करना चाहते हैं लेकिन माता-पिता के दबाव के कारण उन्हें ऐसा करने के लिए मजबूर होना पड़ता है। माता-पिता अपने आदेश बच्चों पर थोपते हैं, जैसे कि उनसे कोई विशेष पेशा या व्यवसाय चुनने को कहना।
3. पसंद की शादी पर जोर देना: परिवार के बड़े-बुजुर्ग अक्सर अपने बच्चों की पसंद की शादी पर जोर देने लगते हैं। आप अपनी सारी मांगें अपने बच्चों पर थोपते हैं, फिर वे मान जाते हैं। लेकिन आपको कभी भी उनकी जिंदगी के सबसे बड़े फैसले पर अपनी इच्छा नहीं थोपनी चाहिए। ऐसा करके आप उनके लिए समस्याएँ पैदा करते हैं।