Benefits of fasting: भारतीय परंपरा और धार्मिक मान्यताओं में व्रत रखना एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है. दादी-नानी से लेकर आधुनिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ तक व्रत रखने के महत्व को स्वीकारते हैं. व्रत न केवल धार्मिक दृष्टि से फलदायक होता है, बल्कि यह हमारे शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी फायदेमंद है. हिंदू धर्म में व्रत रखने की परंपरा का पालन सदियों से किया जा रहा है.
व्रत रखने की मान्यता केवल हिंदू धर्म तक सीमित नहीं है, बल्कि इस्लाम, जैन धर्म और अन्य धर्मों में भी इसे आत्मशुद्धि और ईश्वर की भक्ति का एक महत्वपूर्ण माध्यम माना जाता है. आधुनिक दौर में जहां परंपराओं को रूढ़िवाद कहा जाता है, वहीं विज्ञान भी व्रत रखने के लाभों को स्वीकारता है.
ज्योतिषाचार्य अनीष व्यास बताते हैं कि व्रत रखने से शरीर और मन की शुद्धि होती है और देवी-देवताओं का आशीर्वाद प्राप्त होता है. हिंदू धर्म में साप्ताहिक व्रत जैसे गुरुवार और मंगलवार के साथ-साथ विभिन्न त्योहारों पर व्रत रखने का विधान है. व्रत से न केवल आध्यात्मिक ऊर्जा मिलती है, बल्कि यह आपके मनोवांछित कार्य सिद्ध करने में भी मदद करता है.
स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार, व्रत रखने से शरीर का विषाक्त पदार्थ बाहर निकलता है, जिससे चयापचय बेहतर होता है और वजन नियंत्रण में रहता है. व्रत रखने से पुराने रोगों के जोखिम को भी कम किया जा सकता है. हफ्ते में एक दिन व्रत रखना न केवल पाचन तंत्र को आराम देता है, बल्कि शरीर को फिर से ऊर्जावान बनाता है.
व्रत के दौरान भोजन का त्याग शरीर को अंदर से शुद्ध करता है. उपवास की प्रक्रिया से शरीर के अंगों को आराम मिलता है और मानसिक शांति भी प्राप्त होती है. यह परंपरा न केवल धार्मिक रूप से सार्थक है, बल्कि सामाजिक और वैज्ञानिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है.
दादी-नानी की सलाह को मिथक मानने के बजाय अगर आप इसे अपनाएंगे तो स्वास्थ्य लाभ के साथ-साथ आध्यात्मिक संतोष भी मिलेगा. व्रत रखने की परंपरा ने हमारे रीति-रिवाजों और संस्कारों को जीवित रखा है, जिससे हमारी संस्कृति और अधिक मजबूत होती है. First Updated : Tuesday, 31 December 2024