Spices Adulteration Test: विश्व में भारत का खानपान और मसाले काफी फेमस है. हर जगह इन मसालों मांग हैं, हाल ही में, विदेशों में भारतीय ब्रांड के कुछ मसालों पर बैन लगा है तब से लोग मसाले खरीदते हुए घबराने लगे हैं. मसाले खाने का स्वाद को और अच्छा और रंग बढ़ाने के काम आते हैं. इनमें कई सारे गुण भी होते हैं जो वायरस व बैक्टीरिया से बचाने में मदद करते हैं.
आज के समय में कई लोगों को नहीं पता कि मसालों के इस्तेमास से कई बीमारियों का इलाज भी किया जा सकता है. जिससे बड़ी से बड़ी बीमारी ठीक हो सकती है. लेकिन अब मार्कट में कुछ मसाले ऐसे आ गए हैं जोकि नकली हैं इन का रोजाना इस्तेमाल करना सेहत पर बुरा असर कर सकता है.
मार्कट में नकली मसालों की खरीदी देखते हुए FSSAI समय-समय पर चेकिंग करती रहती है. एनसीबीआई पर मौजूद शोध भी बताता है कि किन मसालों की सबसे ज्यादा नकल की जाती है. ये वो मसाले हैं जिनका सबसे ज्यादा इस्तेमाल होता है.च शोध के मुताबिक इन मसालों के नाम लाल मिर्च पाउडर, काली मिर्च, दालचीनी, हल्दी और केसर है.
FSSAI के मुताबिक लाल मिर्च पाउडर में आर्टिफिशियल सिंथेटिक कलर मिलाया जाता है, इसे पहचानने के लिए एक गिलास पानी लें. इसके बाद इसमें थोड़ा लाल मिर्च पाउडर छिड़कें. अगर इसमें सिंथेटिक कलर है तो वो पानी में नीचे की तरफ दिखने लगेगा. जिससे आपको पता लग जाएगा कि नकली है या असली.
काली मिर्च में पपीता के बीज मिलाए जाते हैं, इसके बाद एक सफेद कागज पर काली मिर्च के दाने फैला लें, अब बारीकी से इसकी पहचान करें. शुद्ध काली मिर्च के दाने भूरे होते हैं और उनपर झुर्रियां होती हैं.पपीते के बीज सिकुड़े हुए और ओवल शेप में होते हैं. इनका रंग हरा-भूरा या काला-भूरा हो. ऐसा करके पता लग जाता है कि काली मिर्च असली है या नकली.
दालचीनी में कैसिया की छाल की मिलावट होती है, दालचीनी को फैला लें और ध्यान से देखें. कैसिया छाल की ऊपरी और अंदरुनी परत के अंदर कई सारीपरतें होती हैं. जबकि दालचीनी की छाल घुमी हुई परत होती है जिसे किसी पैन या पेंसिल पर लपेट सकते हैं. ऐसा करने पर पहचान हो सकती है.
हल्दी पाउडर में आर्टिफिशियल कलर मिलाया जाता है. इसकी जांच करने के लिए एक गिलास पानी लें, एक चम्मच हल्दी लेकर गिलास में डालें. शुद्ध हल्दी नीचे बैठते हुए हल्का पीला रंग छोड़ेगी. जबकि मिलावटी हल्दी गाढ़ा पीला रंग छोड़ेगी. जिससे पता लग जाता है कि वो असली है या नकली.
केसर असली है या नकली इसकी पहचान करने के लिए केसर के रेशों में भुट्टे के सूखे बाल मिलाए जाते हैं. FSSAI के मुताबिक असली केसर आसानी से टूटता नहीं है.वहीं एक गिलास पानी में थोड़ा केसर डालें, आर्टिफिशियल वाला जल्दी रंग छोड़ देगा, जबकि असली धीरे-धीरे देर तक रंग छोड़ता है.
First Updated : Tuesday, 06 August 2024