क्या आपके बच्चे को भी लग गई है मोबाइल की लत, इन तरीकों से छूटेगी ये आदत

अगर आपका बच्चा भी इस लत का शिकार हो गया है तो जरूरत है कि वक्त रहते बच्चों को इस लत से दूर किया जाए वरना उसके खेलने, खाने और पढ़ाई के सभी कामकाज पर नकारात्मक प्रभाव पड़ते देर नहीं लगेगी।

मोबाइल युग के आने के बाद लोगों की जिंदगी काफी आराम भरी हो गई है। मोबाइल के जितने फायदे देखे जा रहे हैं, इसके उतने ही ज्यादा नुकसान भी देखे जा रहे हैं। एक तरफ इसने जिंदगी रंगीन और आरामदेय बना दी है, वहीं  इसकी लत ने कई लोगों की जिंदगी को खराब कर डाला है। लोग घंटों मोबाइल में घुसे रहते हैं, रात भर इसमें वक्त बिता रहे हैं और कई लोगों की जिंदगी में मोबाइल इस कदर घुसपैठ कर चुका है कि इसके चलते उनकी असल जिंदगी पर बुरा प्रभाव पड़ रहा है। अगर आपका बच्चा भी इस लत का शिकार हो गया है तो जरूरत है कि वक्त रहते बच्चों को इस लत से दूर किया जाए वरना उसके खेलने, खाने और पढ़ाई के सभी कामकाज पर नकारात्मक प्रभाव पड़ते देर नहीं लगेगी। मोबाइल न केवल उसका कीमती वक्त छीन रहा बल्कि इसकी लत के चलते बच्चे की मेंटल और फिजिकल हेल्थ भी बिगड़ रही है। चलिए जानते हैं कि बच्चे की मोबाइल की लत छुड़वा कर कैसे उसे खेलकूद और पढ़ाई की तरफ अग्रसर किया जाए। 

बच्चे का समय फिक्स करना है जरूरी

बच्चे को कितने समय के लिए मोबाइल दे रहे हैं, उसका एक समय फिक्स कर लीजिए। अगर उसे एक घंटा मोबाइल देखना है तो उसे ही समय फिक्स करने दीजिए कि वो किस समय मोबाइल देखेगा. इसके अलावा उसके हाथ में फोन नहीं देना है. इससे उसकी आदत अपने आप धीरे धीरे कम हो जाएगी। अगर बच्चा 3 से दस साल के बीच का है तो उसके हाथ में मोबाइल बहुत कम देना चाहिए। इस उम्र में चूंकि बच्चे को आउटडोर एक्टिविटी ज्यादा करनी चाहिए इसलिए उसके हाथ में मोबाइल नहीं देना चाहिए। तीन साल से  नीचे के बच्चे के हाथ में मोबाइल नहीं देना चाहिए क्योंकि इससे उसकी समझ और नाजुक आंखों पर बुरा असर पड़ता है।

बच्चे को किताब पढ़ने के लिए उत्साहित करें
बच्चे को मोबाइल देखने से रोकना है तो उसे किताबों की दुनिया दिखाने की कोशिश कीजिए। किताबें बहुत ही जरूरी और लाभदायक जानकारी उपबल्ध करवाती हैं। बच्चे को किताब पढने के लिए प्रेरित करना है तो आपको खुद किताबें पढ़नी होंगी क्योंकि बच्चा अपने से बड़ों को देखकर ही कुछ करता है। 

इनडोर गेम्स की तरफ बढ़ाइए रुझान
बच्चे को मोबाइल की बजाय इनडोर गेम्स जैसे कैरमबोर्ड, लूडो, स्टोन पेपर सीजर और अन्य पजल की तरफ प्रेरित कीजिए। इससे उसकी तार्किक समझ बढ़ेगी और उसका मोबाइल से ध्यान हटेगा। इसके लिए जरूरी है कि आप भी उसके साथ इन खेलों में हिस्सा लें।  

बच्चे को बाहर दोस्तों के साथ खेलने भेजिए
आजकल के बच्चे मोबाइल के चलते बाहर जाने से कतराने लगे हैं।  ऐसे में उनको बाहर भेजिए ताकि दूसरे बच्चों के  साथ घुलमिकर कर खेल सकें और उनकी शारीरिक एक्टिविटीज होती रहे।

बच्चे से पीछा छुड़ाने के लिए मोबाइल मत दीजिए
कुछ लोग ऐसे होते हैं जो छोटे बच्चों के हाथ में इसलिए मोबाइल देते हैं ताकि वो खुद कुछ वक्त आराम कर सके।  इससे बच्चे को मोबाइल की लत लग जाती है। अगर आपको अपने लिए समय निकालना है तो निकालिए लेकिन बच्चे के हाथ में मोबाइल मत दीजिए, उसे किसी और काम में बिजी करिए ताकि वो मोबाइल से दूर ही रहे। अपने बच्चे से  कतराने की बजाय अगर आप बच्चे के साथ इन्वॉल्व होना  सीख लेंगे तो बच्चे के हाथ में मोबाइल नहीं देंगे।

बच्चे को मोबाइल से दूर रहने का टास्क दीजिए
बच्चे को खेल  खेल में मोबाइल  से दूर रहने का टास्क दीजिए। उसे किसी चीज में व्यस्त कर दीजिए ताकि मोबाइल का उसे ध्यान ही ना रहे। मोबाइल से दूर रहकर ही वो अपनी पढ़ाई में ध्यान दे पाएगा और उसका मानसिक विकास हो सकेगा।

दिन में खास वक्त ऑफलाइन मोड में रखिए मोबाइल
आपका बच्चा जिस समय सबसे ज्यादा मोबाइल देखता है, उस समय मोबाइल का डाटा ऑफ कर दीजिए या वाई फाई बंद कर दीजिए। इससे आपका बच्चा वीडियो नहीं देख पाएगा और दूसरी चीजों में उसका मन रमने लगेगा।

पहले खुद को रखिए मोबाइल  से दूर
आपका बच्चा आप से ही सीखता है, अगर आप सारा दिन या रात को मोबाइल देखते हैं तो बच्चा भी वही करेगा, क्योंकि बच्चा मां बाप का ही अनुसरण करता है। इसलिए कोशिश कीजिए कि पहले आपको मोबाइल की लत का त्याग करना होगा और फिर बच्चे को उसका अनुसरण करने दीजिए।

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04 April 2023, 01:34 PM IST

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