चूहों से होती हैं ये खतरनाक बीमारियां, एक बार जरूर पढ़ें

चूहे चाहे जीवित हों या मृत, स्वास्थ्य के लिए खतरा बने रहते हैं. इसलिए, यदि घर में कोई चूहा दिखाई दे या मर जाए तो उसे तुरंत हटा देना चाहिए और उस क्षेत्र को साफ कर देना चाहिए. इस बीमारी से बचाव के लिए जागरूकता और सावधानी ही एकमात्र सही उपाय है.

Dimple Yadav
Edited By: Dimple Yadav

हम हमेशा चूहों के कारण होने वाली समस्याओं के बारे में सुनते हैं, लेकिन ये छोटे जीव सिर्फ भोजन कुतरने, कपड़े खराब करने या रसोईघर में घुसपैठ करने तक ही सीमित नहीं हैं. विश्व चूहा दिवस के अवसर पर एक बहुत ही महत्वपूर्ण मुद्दा सामने आ रहा है - चूहों से फैलने वाली गंभीर बीमारियां. दिलचस्प बात यह है कि अगर घर में एक चूहा भी मर जाए तो खतरा कम नहीं होता, बल्कि बढ़ जाता है.

अक्सर घर के किसी कोने में चूहा मर जाता है और उससे आने वाली बदबू से परेशानी होती है. लेकिन इसके साथ ही घर की हवा में खतरनाक वायरस और बैक्टीरिया के मिलने की संभावना बढ़ जाती है. इसलिए, ऐसे चूहे न केवल अप्रिय गंध पैदा कर सकते हैं, बल्कि खतरनाक बीमारियों का कारण भी बन सकते हैं .

सफाई के बाद भी घर में घुस जाते हैं चूहे

आपका घर चाहे कितना भी साफ क्यों न हो, चूहे नालियों, शौचालयों या अन्य गंदे स्थानों से घर में प्रवेश कर ही जाते हैं. और एक बार घर के अंदर घुस जाने के बाद, वे हमारे घरों में भोजन से लेकर अलमारियों तक हर जगह पहुंच जाते हैं. ऐसे में केवल सफाई ही पर्याप्त नहीं है, बल्कि चूहों से दूर रहने के लिए अधिक जागरूकता और सावधानी बरतना भी आवश्यक है.

'रैट बाइट फीवर' - चूहे के काटने से फैलने वाली बीमारी

यह घातक रोग चूहे के काटने या उसके मूत्र एवं मल के संपर्क में आने से होता है. इसके लक्षणों में बुखार, शरीर में दर्द और थकान शामिल हैं. यह रोग छोटे बच्चों के लिए अधिक खतरनाक है, जिनकी प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर होती है.

'लेप्टोस्पायरोसिस' - मानसून ऋतु का जीवाणु संक्रमण

यह रोग चूहे के मूत्र से फैलता है और विशेष रूप से बरसात के मौसम में अधिक फैलता है. इसके लक्षणों में बुखार, मांसपेशियों में दर्द और उल्टी शामिल हैं. गंभीर मामलों में, यह रोग गुर्दे की विफलता का कारण बन सकता है. इसलिए, खुले पानी में चलने और गीला भोजन खाने से बचना महत्वपूर्ण है.

प्लेग और तपेदिक – आज भी खतरा

इतिहास की सबसे घातक महामारियों में से एक प्लेग भी चूहों द्वारा फैलाई गई थी. इसके लक्षणों में बुखार, थकान और पसीना आना शामिल हैं. इसके अलावा, तपेदिक (टीबी) चूहे के मल और मूत्र के माध्यम से भी फैल सकता है, और सीधे फेफड़ों को प्रभावित करता है. इसलिए घर में साफ-सफाई बनाए रखना जरूरी है.

समाधान और जागरूकता ही बचाव का एकमात्र तरीका 

चूहों को घर में घुसने से रोकने के लिए नालियों को ढकना, भोजन को ढककर रखना, घर के कोनों को नियमित रूप से फिनाइल/डेटॉल से साफ करना तथा मृत चूहे को उठाते समय दस्ताने पहनना आवश्यक है. केवल जागरूक होकर ही हम इस अदृश्य संकट से बच सकते हैं.

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15 April 2025, 03:31 PM IST

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