Uterus Infection: क्या आपको पेट में दर्द, ऐंठन, पीरियड्स के दौरान असहनीय दर्द या वजाइनल डिस्चार्ज में बदबू जैसी समस्याएं हो रही हैं? अगर हां, तो इसे हल्के में लेना आपकी सेहत पर भारी पड़ सकता है. बच्चेदानी या गर्भाशय महिलाओं के शरीर का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जो न केवल प्रजनन क्षमता के लिए जरूरी है, बल्कि कई शारीरिक प्रक्रियाओं में भी अहम भूमिका निभाता है.
गर्भाशय में इंफेक्शन तेजी से बढ़ रही समस्या है, जिसका मुख्य कारण हमारी दिनचर्या में की जाने वाली कुछ अनजानी गलतियां हो सकती हैं. यदि इस समस्या को समय रहते नजरअंदाज किया गया, तो यह गंभीर परिणाम दे सकती है. आइए जानते हैं कि बच्चेदानी में इंफेक्शन के कारण, लक्षण और इसे रोकने के उपाय क्या हैं.
बच्चेदानी में इंफेक्शन का सबसे बड़ा कारण साफ-सफाई का अभाव है. विशेषज्ञों के अनुसार, अगर आप अपने प्राइवेट पार्ट्स को नियमित रूप से साफ नहीं करती हैं, तो यह बैक्टीरिया और संक्रमण का कारण बन सकता है. ये बैक्टीरिया वजाइना से गर्भाशय तक पहुंचकर पेल्विक एरिया में सूजन और अन्य समस्याएं पैदा कर सकते हैं.
अक्सर महिलाओं में हार्मोनल असंतुलन की वजह से पीरियड्स अनियमित हो जाते हैं. यह समस्या गर्भाशय में इंफेक्शन का कारण बन सकती है. ऐसे में डॉक्टर से परामर्श लेकर सही इलाज कराना बेहद जरूरी है.
फिजिकल रिलेशन के दौरान की गई लापरवाही, जैसे प्रोटेक्शन का इस्तेमाल न करना, बच्चेदानी में इंफेक्शन को बढ़ावा दे सकता है. इससे सेक्सुअली ट्रांसमिटेड बीमारियों का खतरा भी बढ़ जाता है, जो गर्भाशय में गंभीर संक्रमण का कारण बन सकती हैं.
स्वास्थ्य की नियमित जांच न कराना एक बड़ी गलती है. इससे संक्रमण के शुरुआती लक्षणों का पता नहीं चलता और समस्या गंभीर हो सकती है. हर महिला को नियमित रूप से हेल्थ चेकअप कराना चाहिए, ताकि किसी भी समस्या का पता समय रहते लग सके.
गर्भाशय में इंफेक्शन के शुरुआती लक्षणों में पेट दर्द, ऐंठन, असामान्य पीरियड्स और वजाइनल डिस्चार्ज में बदलाव शामिल हैं. इन्हें नजरअंदाज करना आपकी सेहत पर बुरा असर डाल सकता है. इसलिए सही समय पर इलाज बेहद जरूरी है. First Updated : Saturday, 14 December 2024