इस बीमारी से पुरुषों में कम हो जाता है स्पर्म काउंट, जानें क्या हैं इसके लक्षण
Health Care: विशेषज्ञों के अनुसार, स्पर्म काउंट कम होने की समस्या के कई कारण हो सकते हैं, लेकिन कुछ बीमारियां भी इसका कारण हो सकती हैं. आने वाले समय में इसमें और भी गिरावट आ सकती है, जो चिंता का विषय है.
Low Sperm Count : दुनियाभर के पुरुषों में स्पर्म काउंट तेजी से घट रहा है, जिसका भारतीय पुरुषों पर खासा असर पड़ा है. एक अध्ययन के मुताबिक, पिछले 45 साल में पुरुषों का स्पर्म काउंट आधे से भी कम हो गया है. 'ह्यूमन रिप्रोडक्शन अपडेट' जर्नल की रिपोर्ट में इसका खुलासा किया गया है. विशेषज्ञों का मानना है कि भविष्य में यह समस्या और गंभीर हो सकती है, जिससे प्रजनन क्षमता पर खतरा मंडराने लगेगा.
स्पर्म काउंट कम होने के मुख्य कारण
- पर्यावरणीय कारक: हवा और खानपान के जरिए एंडोक्राइन डिसरप्टिंग केमिकल्स शरीर में प्रवेश करते हैं, जो हार्मोन्स पर बुरा असर डालते हैं.
- प्रदूषण का प्रभाव: वायु प्रदूषण पुरुषों के स्पर्म काउंट को प्रभावित करता है.
- लाइफस्टाइल: मोटापा, खराब खानपान, धूम्रपान और अत्यधिक शराब सेवन भी इसका बड़ा कारण है.
- हॉर्मोनल असंतुलन: सेक्स हार्मोन टेस्टोस्टेरोन के असंतुलित होने से स्पर्म काउंट पर असर पड़ता है.
- बीमारियां और संक्रमण: वैरिकोसेल, गोनोरिया और अन्य यौन रोग स्पर्म की गुणवत्ता को प्रभावित करते हैं.
- वैरिकोसेल: (एक सामान्य समस्या) वैरिकोसेल एक ऐसी स्थिति है जिसमें टेस्टिकल्स की नसें फूल जाती हैं. इससे ब्लड फ्लो में रुकावट आती है, जिससे स्पर्म काउंट और क्वालिटी पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है.
वैरिकोसेल के लक्षण
- टेस्टिकल्स में दर्द या सूजन
- बांझपन की समस्या
- स्पर्म की गुणवत्ता में कमी
स्पर्म काउंट सुधारने के उपाय
- स्वस्थ खानपान और नियमित व्यायाम करें.
- केमिकल प्रोडक्ट्स और प्लास्टिक से बचाव करें.
- जैविक और पेस्टिसाइड-फ्री खाद्य पदार्थ अपनाएं.
(Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.)